डॉ. प्रियंका मौर्य ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, स्वच्छ साइबर भारत की मांग-आज सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म का एक बड़ा हिस्सा बेलगाम हो गया है और हमारे घरों में अश्लीलता और गंदी सामग्री परोस रहा है। युवा पीढ़ी रात-रात भर इस गंदगी में डूबी रहती है, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। यह हमारे देश की संस्कृति और संस्कारों के विरुद्ध है और हमारे सामाजिक ताने-बाने को नष्ट कर रहा है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. प्रियंका मौर्य ने सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर परोसी जा रही अश्लीलता को लेकर मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि, यह हमारे देश की संस्कृति और संस्कारों के विरुद्ध है और हमारे सामाजिक ताने-बाने को नष्ट कर रहा है। सभी डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर एक समान कार्यक्रम संहिता लागू की जाए, ताकि नैतिकता और शालीनता के समान मानकों का पालन सुनिश्चित हो सके और उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
डॉ. प्रियंका मौर्य ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, स्वच्छ साइबर भारत की मांग-आज सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म का एक बड़ा हिस्सा बेलगाम हो गया है और हमारे घरों में अश्लीलता और गंदी सामग्री परोस रहा है। युवा पीढ़ी रात-रात भर इस गंदगी में डूबी रहती है, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। यह हमारे देश की संस्कृति और संस्कारों के विरुद्ध है और हमारे सामाजिक ताने-बाने को नष्ट कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि, हम सरकार से निम्नलिखित मांगों को तत्काल लागू करने का आह्वान किया: सभी डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर एक समान कार्यक्रम संहिता (Unified Programme Code) लागू की जाए, ताकि नैतिकता और शालीनता के समान मानकों का पालन सुनिश्चित हो सके और उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, 1986 को डिजिटल युग के अनुरूप और सशक्त बनाया जाए, जिससे डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर अश्लील और विकृत सामग्री को प्रतिबंधित किया जा सके और दोषियों को कड़ी सजा मिले।
साथ ही आगे कहा, डिजिटल कंटेंट की निगरानी, विनियमन और नियंत्रण के लिए अर्ध-न्यायिक अधिकारों के साथ “डिजिटल काउंसिल ऑफ भारत” का गठन किया जाए, जो आपत्तिजनक कंटेंट को तुरंत हटाने का आदेश दे सके और अनुपालन न करने पर कठोर दंड दे सके। इसके साथ “ऑपरेशन डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक” शुरू किया जाए, जिसके तहत ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों से हानिकारक सामग्री को सक्रिय रूप से हटाया जाए। मोनेटाइजेशन से पहले कंटेंट सर्टिफिकेशन अनिवार्य किया जाए और हानिकारक कंटेंट को हटाने में विफल रहने वाले प्लेटफॉर्मों पर भारी जुर्माना लगाया जाए।