केंद्र की मोदी सरकार एडवोकेट संशोधन बिल (Advocate Amendment Bill) लाकर अधिवक्ताओं को कमजोर कर न्यायपालिका पर कब्जा करना चाहती है। उक्त बातें मुलायम सिंह यादव एडवोकेट अध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन कानपुर देहात ने जनपद न्यायालय परिसर झंडा पार्क में संशोधित बिल की प्रतियां जलाने के बाद अधिवक्ताओं के बीच कही।
कानपुर देहात । केंद्र की मोदी सरकार एडवोकेट संशोधन बिल (Advocate Amendment Bill) लाकर अधिवक्ताओं को कमजोर कर न्यायपालिका पर कब्जा करना चाहती है। उक्त बातें मुलायम सिंह यादव एडवोकेट अध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन कानपुर देहात ने जनपद न्यायालय परिसर झंडा पार्क में संशोधित बिल की प्रतियां जलाने के बाद अधिवक्ताओं के बीच कही। उन्होंने कहा कि संशोधित बिल में बार काउंसिल आफ इंडिया में सरकार द्वारा तीन नामित सदस्य रखे जाएंगे जो किसी भी व्यक्ति की मुकदमा हारने की शिकायत पर अधिवक्ताओं के ऊपर मुकदमा किया जा सकेगा और वही लोग सुनवाई करेंगे ऐसा ही बिल में हड़ताल करने पर अधिवक्ताओं पर कार्यवाही करने का प्राविधान है भारत सरकार विदेशी लॉ फॉर्म को भारत में प्रेक्टिस करने की अनुमति देने पर प्रस्ताव रखा है ।
उन्होंने कहा कि याद रहे अधिवक्ता जनता की आवाज है जिसको दबाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा की वकालत के पेशे को आम जनमानस में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है अधिवक्ता संशोधन बिल में कई ऐसे प्राविधान है जो वकालत पेशे की छवि धूमल कर देंगे । बिल में वकीलों के लिए कोई कल्याणकारी योजना नहीं है सुरक्षा का इंतजाम भी नहीं है। अधिवक्ता सरकार से सुरक्षा अधिनियम मांग रहे थे जबकि जबरिया संशोधन बिल दे रहे हैं इसे वापस किया जाना चाहिए।
अध्यक्ष जिला बार एसोसियेशन मुलायम सिंह यादव ने अधिवक्ता संशोधन बिल की प्रतियां जलाकर जताया विरोध
सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह चौहान (Civil Bar Association President Jitendra Pratap Singh Chauhan) ने कहा कि केंद्र सरकार ने वकीलों को अपनी शिकायतें और मुद्दे उठाने की उचित मंच के बजाय अधिवक्ता संशोधन बिल ला दिया प्रस्तावित विधेयक वकीलों को दंडात्मक परिणाम के साथ काम से बहिष्कार या कार्यविरत के माध्यम से वैध मांगों को उठाने का अधिकार छीन लेने वाला है अधिवक्ता संशोधन बिल के विरोध में जनपद के सभी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे ।
इस मौके पर संपत लाल यादव रमेश चंद्र सिंह गौर, जितेंद्र प्रताप सिंह चौहान, विश्वनाथ कटियार, संतोष श्रीवास्तव, राजेंद्र द्विवेदी, सुबोध नारायण त्रिपाठी, रामसनेही कुशवाहा ,प्रमोद वर्मा ,चंद्रिका प्रसाद पाल, डीके सिंह, कल्याण सिंह, अशोक संखवार, सुधीर यादव, घनश्याम सिंह राठौर, सर्वेंद्र यादव, जितेंद्र बाबू ,महेंद्र सिंह यादव, विश्वनाथ सिंह , सुलेखा यादव ,चांदनी सतनाम, धर्मेंद्र सिंह यादव ,कल्याण सिंह, वीरेंद्र पाल शमशाद खान, वकार अहमद, राहुल यादव, उपेंद्र सिंह राजपूत, प्रीति त्रिपाठी, योगेंद्र सचान, बाबू सिंह यादव, गोविंद यादव आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे ।