समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक्स पोस्ट पर देशवासियों से अपील करते हुए अपरोक्ष रूप से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर बड़ा हमला बोला है।
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक्स पोस्ट पर देशवासियों से अपील करते हुए अपरोक्ष रूप से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर बड़ा हमला बोला है।
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने लिखा प्रिय देशवासियों, सावधान! जो शस्त्र को शास्त्र से बड़ा मानते हैं, उनको शिक्षालयों-विश्वविद्यालयों और घर-परिवार-समाज से दूर रखा जाए। अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षा हिंसक सोच को सभ्य बनाती है। शिक्षा को हिंसक सोच के लोगों से बचाना हर सभ्य नागरिक का उत्तरदायित्व है। स्वयं भी ऐसे हिसंक सोच वाले नकारात्मक शक्तिकामी संगी-साथियों से दूर रहें और अपने परिवार, मित्र और अन्य संबंधित लोगों को भी सतर्क-सावधान करें। ये मीठे फल के बाग नही हैं जिनको जड़ पकड़ने में देर लगेगी, ये विषबेल हैं, जो ज़मीन और सहारा पाते ही फैलते जाते हैं। इनसे व्यक्ति और समाज को बचाना मतलब प्रेम, सौहार्द और शांति को बचाना है। ये नकारात्मक लोग अपने परंपरागत प्रभुत्व व प्रभाव को बचाने के लिए सामाजिक विभाजन और विद्वेष की विभाजनकारी राजनीति की भट्टी पर अपने स्वार्थ की रोटी सेंकते हैं। ऐसे गलत लोगों की ख़ुदगर्ज़ी की वजह से ही देश का अमन-चैन बिगड़ता है, तरक़्क़ी नहीं हो पाती है, इसीलिए परिवर्तन नहीं आ पाता है।
प्रिय देशवासियों,
सावधान!
जो शस्त्र को शास्त्र से बड़ा मानते हैं, उनको शिक्षालयों-विश्वविद्यालयों और घर-परिवार-समाज से दूर रखा जाए।
पढ़ें :- अखिलेश यादव, बोले- मनरेगा योजना खत्म करना चाहती है भाजपा, जिनके अंदर आत्मा नहीं है वो न तो महात्मा में विश्वास करते हैं, न परमात्मा में...
शिक्षा हिंसक सोच को सभ्य बनाती है। शिक्षा को हिंसक सोच के लोगों से बचाना हर सभ्य नागरिक का उत्तरदायित्व है। स्वयं भी ऐसे हिसंक सोच वाले…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 16, 2025
उन्होंने कहा कि ये वर्चस्ववादी लोग दक़ियानूसी-रूढ़िवादी सोच के समर्थक होते हैं और पीछे की ओर देखते हैं। ये शिक्षालयों पर इसलिए क़ब्ज़ा करना चाहते हैं जिससे बच्चों और युवाओं में वो नई सोच विकसित न हो पाये, जो सदियों से चली आ रही सत्ता के लिए चुनौती बन जाए। ये भेद को बनाए रखना चाहते हैं जिससे जो समाज में पाँच हज़ार साल से ऊपर बने हुए हैं वो ऊपर ही रहें और जो नीचे हैं वो नीचे ही रहें। ये गैरबराबरी को सींचनेवाले लोग दरारवादी लोग हैं, जो समाज में न तो समता के भाव को चाहते हैं, न समानता के क़ानूनी हक़ को मानते हैं, इसीलिए संविधान का भी विरोध करते हैं और आरक्षण का भी।
अखिलेश यादव ने कहा कि अब जब पीडीए समाज जाग गया है तो इन नकारात्मक संगी-साथियों के गुट के हाथ-पैर फूल गये हैं। भय और अविश्वास की खेती करनेवाले ये लोग अब ख़ुद डर गये हैं। जनाक्रोश के ख़तरे को भाँपकर, ये हर जगह अपनी पैठ बनाकर अपने मानसिक-राज को बनाए रखने के लिए अंतिम कोशिश कर रहे हैं। अब ये डरपोक सुरंगजीवी लोग मानसिक रूप से हार चुके हैं और अपने उस अंत की ओर बढ़ रहे हैं, जिसे अब वो किसी भी हालत में रोक नहीं सकते हैं क्योंकि सभी समाजों को मिला लें तो 95% उत्पीड़ित, शोषित, वंचित, उपेक्षित, दमित ‘पीडीए समाज’ अब और पीड़ा, दुख, अपमान सहने को तैयार नहीं है। जो पीड़ित, वो पीडीए। पीड़ा बढ़ रही है, इसीलिए पीडीए बढ़ रहा है।