देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) के महरौली इलाके (Mehrauli Area) में 700 साल पुरानी एक मस्जिद को कथित तौर पर बिना किसी पूर्व सूचना के ढहा दिया गया। दिल्ली सल्तनत काल (Delhi Sultanate period) में निर्मित इस ऐतिहासिक महत्व वाले ढांचे को ढहाने के बाद अब इसको लेकर विवाद काफी बढ़ गया है।
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) के महरौली इलाके (Mehrauli Area) में 700 साल पुरानी एक मस्जिद को कथित तौर पर बिना किसी पूर्व सूचना के ढहा दिया गया। दिल्ली सल्तनत काल (Delhi Sultanate period) में निर्मित इस ऐतिहासिक महत्व वाले ढांचे को ढहाने के बाद अब इसको लेकर विवाद काफी बढ़ गया है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के इस कदम से एक तरफ जहां लोगों में नाराजगी है, वहीं दूसरी तरफ सवाल भी उठने लगे हैं। इन सबके बीच एक सवाल यह भी उठ रहा है कि जिस मस्जिद को गिराया गया, उसका मलबा अचानक से कहां गायब हो गया?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ढहाई गई अखूंदजी मस्जिद (Akhundji Mosque) के मौलवी मोहम्मद जाकिर हुसैन (Maulvi Mohammad Zakir Hussain) ने बताया कि बिना किसी पूर्व सूचना और नोटिस के प्राधिकरण की अधिकारियों की टीम ने सुबह 5:30 बजे तक मस्जिद को खाली करने को कहा। उन्होंने बताया कि मस्जिद में मदरसा भी चलता था, जिसमें 15 छात्र रहते थे। वैसे मस्जिद में चलने वाले मदरसे में कुल 22 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। मौलवी ने आगे बताया कि मस्जिद को ढहाने के बाद अधिकारियों ने तत्काल उसके मलबे को ट्रकों में लोड किया और वहां से चलते बने। मस्जिद के जमींदोज होने के बाद एक पल गंवाए बिना मलबे को वहां से हटा दिया गया।
अधिकारियों पर गंभीर आरोप
अखूंदजी मस्जिद (Akhundji Mosque) में बच्चों को पढ़ाने वाले मोहम्मद जावेद (Mohammad Javed) ने ढांचा ढहाने के लिए आई अधिकारियों की टीम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ‘द हिन्दू’ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि अफसरों ने उनके मोबाइल फोन तक छीन लिए थे। मोहम्मद जावेद (Mohammad Javed) ने बताया कि उन्हें वहां से तत्काल चले जाने के लिए कहा। यहां तक कि मस्जिद और मदरसे में रखे सामान तक नहीं लेने दिया गया। बच्चों की किताबें तक मस्जिद में ही रह गईं। वहां पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे मदरसे में शिफ्ट किया गया है।
DDA का पक्ष
अखूंदजी मस्जिद (Akhundji Mosque) ढहाने के बाद यह मुद्दा गरमा गया है। अधिकारियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत यह कदम उठाया गया। DDA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रिज मैनेजमेंट बोर्ड (Ridge Management Board) ने संजय वन (Sanjay Van) के आसपास किए गए अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया था। संजय वन (Sanjay Van) रिज के दक्षिणी हिस्से में स्थित है। यह अरावली श्रृंखला का हिस्सा है। अखूंदजी मस्जिद (Akhundji Mosque) संजय वन (Sanjay Van) और मेहरौली रिज (Mehrauli Ridge) के बीच में स्थित थी।