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Apara Ekadashi 2025 : अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है , जानें क्या  महत्व और पूजा विधि

हिंदू पंचांग के हिसाब से जेष्ठ तीसरा माह हैं। वैशाख मास के बाद ज्येष्ठ मास की शुरुआत होती है। यह माह भगवान सूर्य को समर्पित होता है पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को "अपरा एकादशी" कहा जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Apara Ekadashi 2025 : हिंदू पंचांग के हिसाब से जेष्ठ तीसरा माह हैं। वैशाख मास के बाद ज्येष्ठ मास की शुरुआत होती है। यह माह भगवान सूर्य को समर्पित होता है पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को “अपरा एकादशी” कहा जाता है। इस दिन  दान पुण्य और गंगा स्नान का बड़ा महत्व है। विशेष तौर पर जेठ महीने के गर्म दिनों में जल का दान करना महापुण्य दायीं माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।  इस दिन उपवास के साथ-साथ अन्न, वस्त्र और धन का दान करना पुण्यदायी माना जाता है। आइए जानते हैं वर्ष 2025 में अपरा एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि|

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अपरा एकादशी 2025 तिथि: ज्योतिषीय गणना के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 मई को रात 01:12 बजे प्रारंभ होगी और इसी दिन रात 10:29 बजे समाप्त हो जाएगी। सनातन धर्म में उदया तिथि को प्राथमिकता दी जाती है, अतः अपरा एकादशी व्रत 23 मई को रखा जाएगा। अगले दिन यानी 24 मई को व्रत का पारण किया जाएगा।

भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और विष्णु चालीसा का पाठ करें।
व्रत कथा का श्रवण या पाठ करें। फल, मिठाई और तुलसी के पत्तों सहित भोग अर्पित करें। अंत में जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।

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