आषाढ़ माह का प्रारंभ 12 जून को शुभ योग में हो रहा है. प्रतिपदा के दिन शुभ योग और मूल नक्षत्र है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अषाढ़ मास वर्ष का चौथा महीना है।
Ashadh Month Vrat Tyohar 2025 : आषाढ़ माह का प्रारंभ 12 जून को शुभ योग में हो रहा है. प्रतिपदा के दिन शुभ योग और मूल नक्षत्र है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अषाढ़ मास वर्ष का चौथा महीना है। इस महीने में सभी तरफ हरियाली छा जाती है एवमं जमीन के नीचे दबे जीव जंतु सब बाहर निकल आते है। आषाढ़ मास में भगवान शिव और विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। इस दौरान भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा में चले जाते हैं। इसलिए देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस माह में धार्मिक यात्राएं करना शुभ माना जाता है।
आषाढ़ माह के व्रत और त्योहार 2025
12 जून, गुरुवार: आषाढ़ मास प्रारंभ, प्रतिपदा तिथि
14 जून, शनिवार: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी
15 जून, रविवार: मिथुन संक्रांति
18 जून, बुधवार: मासिक जन्माष्टमी, कालाष्टमी
21 जून, शनिवार: योगिनी एकादशी, साल का सबसे बड़ा दिन
22 जून, रविवार: योगिनी एकादशी पारण, मासिक कार्तिगाई
23 जून, सोमवार: सोम प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
24 जून, मंगलवार: रोहिणी व्रत
25 जून, बुधवार: दर्श अमावस्या, आषाढ़ अमावस्या
26 जून, गुरुवार: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, कलश स्थापना, चंद्र दर्शन
27 जून, शुक्रवार: जगन्नाथ रथयात्रा
28 जून, शनिवार: विनायक चतुर्थी
30 जून, सोमवार: स्कंद षष्ठी
3 जुलाई, गुरुवार: मासिक दुर्गाष्टमी
6 जुलाई, रविवार: देवशयनी एकादशी, गौरी व्रत आरंभ
7 जुलाई, सोमवार: देवशयनी एकादशी पारण, वासुदेव द्वादशी
8 जुलाई, मंगलवार: भौम प्रदोष व्रत, जयापार्वती व्रत
9 जुलाई, बुधवार: आषाढ़ चौमासी चौदस
10 जुलाई, गुरुवार: गुरु पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा व्रत, व्यास पूजा, कोकिला व्रत, गौरी व्रत समाप्त
श्री विष्णु की पूजा
आषाढ़ मास में कनेर के फूल,लाल रंग केपुष्प अथवा कमल के फूलों से भगवान की विशेष पूजा करनी चाहिए। तुलसी,श्यामा तुलसी तथा अशोक के द्वारा सर्वदा पूजित होने पर श्री विष्णु नित्यप्रति कष्ट का निवारण करते हैं।