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BJP के अंदर समा गया है तानाशाही का DNA, लगातार कर रही है लोकतंत्र की हत्या : प्रमोद तिवारी

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री मल्लिकार्जुन खरगे जी पर आधारहीन आरोप लोकसभा में लगाए गए। जिसका हमारे सदस्यों ने विरोध किया और उसे कार्यवाही से निकालना पड़ा।

By शिव मौर्या 
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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी ने शुक्रवार कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉफ्रेंस की। इस दौरान प्रमोद तिवारी ने कहा, आज लोक सभा और राज्य सभा में बजट सेशन का दूसरा पार्ट खत्म हुआ है। ऐसा लगता है BJP के DNA में फासिज्म समा गया है। आज हम इंजतार कर रहे थे कि लोक सभा में अध्यक्ष और राज्य सभा में चेयरमैन सदन को शुरू करें। लेकिन इससे पहले ही BJP ने सत्ता पक्ष होते हुए सदन में हंगामा शुरू कर दिया। BJP लोकतंत्र का बेसिक प्रिंसिपल तोड़ रही है।

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साथ ही कहा, प्रधानमंत्री थाइलैंड गए हुए हैं और गृह मंत्री छत्तीसगढ़ जा रहे हैं। राज्य सभा में LoP ने कहा कि- मणिपुर में पिछले 2 साल से हिंसा हो रही है, जब मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने जा रहे हैं तो इस पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। राज्य सभा में मणिपुर पर चर्चा के लिए 3 घंटे निर्धारित थे, लेकिन सिर्फ 50 मिनट में ही खत्म कर दिया गया। BJP के अंदर तानाशाही का DNA समा गया है, BJP लगातार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। लोक सभा में राज्य सभा के सदस्यों का जिक्र नहीं होता है। कोई इल्जाम नहीं लगाया जाता है, क्योंकि वो खुद के बचाव के लिए वहां उपस्थित नहीं होते हैं।

उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री मल्लिकार्जुन खरगे जी पर आधारहीन आरोप लोकसभा में लगाए गए। जिसका हमारे सदस्यों ने विरोध किया और उसे कार्यवाही से निकालना पड़ा। राज्य सभा में खरजे जी ने इस बात को चुनौती दी, तो सभी ने गलत माना। BJP लोकतंत्र में यकीन ही नहीं करती। अगर परंपरा नहीं निभा सकते, तो कम से कम नियम तो फॉलो करें।

वहीं, इस दौरान गौरव गोगोई ने कहा कि, ऐसा लगता है कि सदन धीरे-धीरे भारत की जनता का सदन नहीं, नरेंद्र मोदी का दरबार बन गया है। क्योंकि सदन में नरेंद्र मोदी के जयकार स्वीकृत हैं, लेकिन जब जरूरी विषय पर सरकार की नीतियों की आलोचना होती है, तब सत्ता पक्ष कूटनीतियों से सदन को स्थगित करता है और जवाबदेही से भागता है। विपक्षी दलों ने अपनी चिंता अध्यक्ष महोदय को पक्ष लिखकर जताई, मिलने भी गए, लेकिन कोई परिवर्तन नहीं दिखा।

उन्होंने आगे कहा, अमेरिका ने जो 27% टैरिफ भारत के एक्सपोर्ट पर लगाया है, उसे लेकर हम एडजर्नमेंट मोशन की मांग कर रहे थे। एक बार भी माइक की अनुमति नहीं मिली, हम अपनी बात रिकॉर्ड पर नहीं ला पाए। आज दोबारा पार्लियामेंट अफेयर्स मंत्री ने सारे नियम जानते हुए भी, कांग्रेस की जनरल बॉडी मीटिंग का उल्लेख किया। जो बात सदन के अंदर नहीं हुई है उसे सदन में उठाना सही नहीं है। उस पर पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर और अध्यक्ष महोदय की भी टिप्पणी आती है। ये हमारी संसदीय मर्यादा, नियम, प्रक्रिया के लिए सोचने वाली बात है।

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हमने लोक सभा सदन में सत्ता पक्ष के सदस्य को राज्य सभा के नेता प्रतिपक्ष का नाम लेते हुए गंभीर और बेबुनियाद आरोप लगाते हुए देखा। हमने ये भी देखा कि अध्यक्ष महोदय आए, लोक सभा के नेता प्रतिपक्ष के संदर्भ में टिप्पणी रखी और बिना लोक सभा नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका दिए सदन को स्थगित कर दिया। और आज कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी की चेयरपर्सन सोनिया गांधी जी का उल्लेख किया गया। क्या BJP के लिए नियम-कानून के कोई मायने नहीं हैं?

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