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Breaking-भगोड़े नीरव मोदी के सभी कानूनी विकल्प खत्म, अब लौटना होगा भारत!

ब्रिटेन (UK) के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को करारा झटका दिया है। इसके बाद भारत प्रत्यर्पित किए जाने का रास्ता अब साफ हो गया है। नीरव मोदी (Nirav Modi) ब्रिटेन की कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। ब्रिटेन (UK) के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को करारा झटका दिया है। इसके बाद भारत प्रत्यर्पित किए जाने का रास्ता अब साफ हो गया है। नीरव मोदी (Nirav Modi) ब्रिटेन की कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी है। भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) की याचिका खारिज करते हुए लंदन में हाई कोर्ट ने नीरव मोदी (Nirav Modi)  को ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट (UK Supreme Court) में अपने प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

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लंदन में रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस (Royal Court of Justice) में गुरुवार को लॉर्ड जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जे ने फैसला सुनाया कि अपीलकर्ता (Nirav Modi) के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति के आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया है।

बीते माह नौ नवंबर को लंदन में हाईकोर्ट ने नीरव मोदी (Nirav Modi)  को भारत को प्रत्यर्पित करने का फैसला सुनाया था। हालांकि उसने हाईकोर्ट में एक और याचिका दाखिल करके ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट (UK Supreme Court) में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका दाखिल करने की मांग की थी। आज उसकी इसी अपील पर लंदन की हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। उससे पहले, पिछले साल फरवरी में वेस्टमिंस्टर जज ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश सुनाया था। हालांकि बाद में उसे इस फैसले के खिलाफ अपील करने की मंजूरी दी गई थी। भारत लंबे समय से नीरव मोदी (Nirav Modi)  को भारत लाने की कोशिशों में लगा है। लेकिन ब्रिटेन की जेल में बंद नीरव मोदी अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए अलग-अलग दलीलें दे रहा है।

पूर्व में ब्रिटेन में उसके वकीलों ने दलील दी थी भगोड़ा आर्थिक अपराधी डिप्रेशन का शिकार है। वह भारत की जेलों में आत्महत्या कर सकता है। ये तर्क देकर उन्होंने नीरव मोदी (Nirav Modi) को भारत भेजने का विरोध किया था। हालांकि ब्रिटेन की अदालन ने पूरी सुनवाई के बाद उसकी याचिका खारिज कर दी। इससे पहले मामले में सुनवाई के दौरान भी जस्टिस रॉबर्ट जे ने इस बात पर जोर दिया था कि भारत के ब्रिटेन के साथ अच्छे संबंध हैं। ऐसे में ब्रिटेन को 1992 की भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि (Indo-Britain Extradition Treaty) का सम्मान करना जरूरी है।

विशेष पीएमएलए कोर्ट ने घोषित किया था आर्थिक अपराधी

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इससे पहले विशेष पीएमएलए कोर्ट (Special PMLA Court) द्वारा दिसंबर 2019 में भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के अनुसार नीरव मोदी (Nirav Modi) को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। जिसके बाद वह लंदन भाग गया था। तीन साल पहले नीरव मोदी (Nirav Modi) को ब्रिटेन की स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने 13 मार्च 2019 को लंदन से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह साउथ वेस्ट लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में कैद है।

7000 करोड़ रुपये के घोटाले का नीरव मोदी है आरोपी

बता दें कि नीरव मोदी (Nirav Modi) ने पीएनबी से करीब 7000 करोड़ रुपये का घोटाला किया था। जिसके बाद वह विदेश भाग गया था। फिलहाल वह लंदन की एक जेल में है। भारत सरकार उसे वापस लाने की हर संभव कोशिश कर रही है। नीरव मोदी (Nirav Modi) ने 2017 में अपनी कंपनी फायरस्टार डायमंड के जरिए प्रतिष्ठित रिदम हाउस बिल्डिंग खरीदी थी। उसका प्लान इसे हेरिटेज प्रॉपर्टी में बदलने का था। माना जाता है कि उसने ज्यादातर संपत्तियां पीएनबी घोटाले से हासिल रकम से खरीदी थी।

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