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Chaitra Darsh Amavasya 2025: दर्श अमावस्या को पितृ दोष निवराण के लिए करें पिंडदान, पशु-पक्षियों को भोजन खिलाना चाहिए

हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, दर्श अमावस्या के दिन पितरों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Chaitra Darsh Amavasya 2025 :  हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, दर्श अमावस्या के दिन पितरों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता मान्यता है कि इस दिन पूर्वज धरती पर आते हैं। दर्श अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है। किए गए तर्पण और पिंडदान से पितर प्रसन्न होते हैं और संतानों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। दर्श अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण और पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है|

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पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 28 मार्च को शाम 7 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी और 29 मार्च को शाम 4 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में दर्श अमावस्या 29 मार्च को ही मनाई जाएगी।

 पितरों को तर्पण ऐसे करें ?
दर्श अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।
तर्पण के लिए दक्षिण दिशा की ओर मुख करना चाहिए।
पितरों को तर्पण देने के लिए जौ, कुश, गुड़, घी, साबुत चावल और काले तिल का उपयोग करना चाहिए।
पितरों को तर्पण करते समय उनका ध्यान करना चाहिए। जल लेकर अपने पितरों को अर्पित करें। पितरों की पूजा करने के बाद पशु-पक्षियों को भोजन खिलाना चाहिए। इसके अलावा दान भी करना होगा।

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