कल रविवार 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत हो रही है। ज्योतिषियों का कहना है कि घटस्थापना के अवसर पर जो लोग कलश की स्थापना करते है उन्हें दिशा का ध्यान अवश्य ही रखना चाहिए। यदि सही दिशा और शुभ मुर्हूत में कलश की स्थापना की जाती है तो निश्चित ही माता रानी मनोकामना पूरी करेगी।
किस दिशा में रखा जाए कलश
कलश की स्थापना के दौरान दिशा का ध्यान रखना भी काफी जरूरी है। इसके लिए आप घर की पूर्व, उत्तर दिशा या फिर ईशान कोण (पूर्व -उत्तर) दिशा का चयन कर सकते हैं। वास्तु के अनुसार, इस दिशा में कलश की स्थापना करने से साधक को जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। घट स्थापना करने से पहले उस स्थान को गंगा जल से शुद्ध कर लें, जहां आपको कलश स्थापित करना है।
अखंड ज्योति भी जरूर जलाएं
साथ ही कलश स्थापना के दौरान स्वयं को और मन को शुद्ध रखें और किसी भी तरह का नकारात्मक विचार मन में न लाएं। कलश स्थापना के दौरान अखंड ज्योति भी जरूर जलाएं, इससे आपको मनोकामना जल्द पूरी होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्र के पहले दिन शुभ मुहूर्त में पूरे विधि-विधान के साथ कलश की स्थापना करने से पूरे परिवार पर देवी मां का आशीर्वाद बना रहता है, जिससे सुख-समृद्धि और आरोग्य का वरदान मिलता है। घट स्थापना के लिए हमेशा सोना, चांदी, तांबे या फिर मिट्टी से बने कलश का उपयोग करना चाहिए। इन्हें शुभ माना जाता है। लेकिन कभी भूल से भी लोहे या स्टील से बने कलश का उपयोग न करें, वरना इससे शुभ फल नहीं मिलता।
कब है कलश स्थापना का मुर्हूत
सुबह 06 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक
दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक