देवभूमि उत्तराखंड (Devbhoomi Uttarakhand) में स्थित पवित्र श्री केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट आगामी 2 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। वहीं श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे। यह जानकारी श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के प्रवक्ता ने शनिवार को दी है।
रुद्रप्रयाग: देवभूमि उत्तराखंड (Devbhoomi Uttarakhand) में स्थित पवित्र श्री केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट आगामी 2 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। वहीं श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे। यह जानकारी श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के प्रवक्ता ने शनिवार को दी है।
प्रवक्ता ने बताया,कि इस शाम मंदिर समिति की अग्रिम टीम श्री केदारनाथ धाम (Shri Kedarnath Dham) पहुंच चुकी है। सभी व्यवस्थाएं अंतिम चरण में हैं और 2 मई को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद कपाट खोले जाएंगे।
चारधाम यात्रा की तैयारियों पर मुख्यमंत्री का जोर
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि राज्य सरकार चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) हमारी आस्था ही नहीं, राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी है। हमने तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की है और हर श्रद्धालु की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है।
द्वितीय और तृतीय केदार के कपाट भी खुलने को तैयार
श्री मध्यमहेश्वर मंदिर (द्वितीय केदार) के कपाट 21 मई को खोले जाएंगे।
श्री तुंगनाथ मंदिर (तृतीय केदार) के कपाट भी 2 मई को ही खुलेंगे।
इन तिथियों को लेकर हाल ही में श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें BKTC के CEO विजय प्रसाद थपलियाल ने भाग लिया। उन्हें केदार सभा द्वारा स्वागत करते हुए तीर्थ पुरोहितों के साथ समन्वय के लिए सराहना भी मिली।
मंदिर स्थलों का निरीक्षण
मंगलवार को विजय प्रसाद थपलियाल ने मंदिर समिति के अंतर्गत आने वाले मां बाराही मंदिर (संसारी), मस्ता नारायण कोटी, श्री त्रियुगीनारायण मंदिर, गौरीमाता मंदिर, गौरीकुंड, सोनप्रयाग विश्राम गृह, तथा गुप्तकाशी स्थित संस्कृत महाविद्यालय का निरीक्षण भी किया।
क्या है चारधाम यात्रा?
चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) हिंदू धर्म की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक मानी जाती है। यह यात्रा चार हिमालयी तीर्थ स्थलों — यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ — की यात्रा है। ‘चार’ का अर्थ होता है ‘चार’ और ‘धाम’ का अर्थ होता है ‘पवित्र स्थान’।
परंपरानुसार यह यात्रा घड़ी की दिशा में (Clockwise) की जाती है। यानी शुरुआत यमुनोत्री से होती है, फिर गंगोत्री, इसके बाद केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ की यात्रा की जाती है।
यात्रा के विकल्प
चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) सड़क मार्ग से की जा सकती है, लेकिन अब हेलीकॉप्टर सेवा की भी सुविधा उपलब्ध है। कई श्रद्धालु केवल दो धाम यात्रा (केदारनाथ और बद्रीनाथ) भी करते हैं, जो अधिक सुविधाजनक मानी जाती है।