यूपी विधानसभा का बजट सत्र 2025-26 (Budget session of UP Assembly 2025-26) मंगलवार से शुरू हो गया। बजट सत्र के पहले ही नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Leader of the House Chief Minister Yogi Adityanath) और उत्तर प्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय (Uttar Pradesh Assembly Leader of Opposition Mata Prasad Pandey) के बीच जबरदस्त गरमा-गर्मी हो गई।
लखनऊ। यूपी विधानसभा का बजट सत्र 2025-26 (Budget session of UP Assembly 2025-26) मंगलवार से शुरू हो गया। बजट सत्र के पहले ही नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Leader of the House Chief Minister Yogi Adityanath) और उत्तर प्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय (Uttar Pradesh Assembly Leader of Opposition Mata Prasad Pandey) के बीच जबरदस्त गरमा-गर्मी हो गई। भाषा को लेकर शुरू हुई ये बहस काफी देर तक चलती रही।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने मंगलवार को बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद अपनी बात रखी। उन्होंने भोजपुरी, अवधी और ब्रज भाषा में विधायकों द्वारा अपना संबोधन दिए जाने के प्रस्ताव का समाजवादी पार्टी द्वारा विरोध करने पर समाजवादी पार्टी को घेरा। उन्होंने कहा कि ये लोग हर अच्छी बात का विरोध करते हैं। ब्रज भाषा में तुलसी ने बड़े महाकाव्य लिखे। भोजपुरी का डंका मॉरीशस-फिजी समेत तमाम दूसरे देशों में भी बजता है। सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि लोग भोजपुरी नहीं उर्दू पढ़ें, मौलवी बनेंगे, हम कठमुल्लापन का देश नहीं बनने देंगे। ये समाजवादियों का दोहरा चरित्र है।
समाजवादियों का चरित्र दोहरा हो चुका है,
ये अपने बच्चों को पढ़ाएंगे इंग्लिश स्कूल में और दूसरों के बच्चों के लिए कहेंगे उर्दू पढ़ाओ…
उसको मौलवी बनाना चाहते हैं, ‘कठमुल्लापन’ की ओर देश को ले जाना चाहते हैं,
पढ़ें :- DA Hike: योगी सरकार ने राज्य कर्मचारियों को दिया तोहफा, महंगाई भत्ता 2 प्रतिशत बढ़ाया
ये नहीं चल सकता है… pic.twitter.com/8RGaWJdY1h
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 18, 2025
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भोजपुरी, अवधी और ब्रज भाषा हिंदी की बेटियां हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग चाहते हैं कि सिर्फ उर्दू पढ़ाई जाए। लेकिन जब बात भोजपुरी, ब्रज और अवधी की आती है, तो इनका विरोध करते हैं। सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाते हैं, लेकिन गरीबों के बच्चों को उर्दू तक सीमित रखना चाहते हैं। जो काम देशहित में है, उसका समर्थन करना चाहिए। यह भी कहा कि भाषाएं केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत हैं। हिंदी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना जरूरी है।
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना (Finance Minister Suresh Kumar Khanna) ने भी मामले में दखल दिया और अपने विचार रखें। यूपी विधानसभा बजट सत्र का पहला दिन बेहद हंगामेदार रहा। सत्र की शुरुआत से पहले ही सुबह-सुबह तख्तियां और नैतिकता का अस्थि कलश लेकर पहुंचे विपक्ष के सदस्यों ने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना शुरू कर दिया तो विधानसभा और विधानपरिषद के संयुक्त सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के दोरान वे लगातार नारे लगाते रहे। अभिभाषण के बाद साढ़े 12 बजे तक के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा। इसके बाद एक बार फिर सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो उर्दू और अंग्रेजी पर पक्ष-विपक्ष में बहस छिड़ गई।
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा यह बड़ी बिडम्बना है कि अंग्रेजी का विधानसभा में किया जा रहा है प्रयोग
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर स्पीकर द्वारा विधानसभा की कार्यवाही में फ्लोर लैंग्वेज हिन्दी के साथ अवधी, भोजपुरी, बृजभाषा, बुंदेलखंडी और अंग्रेजी के इस्तेमाल की जानकारी दिए जाने पर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा यह बड़ी बिडम्बना है कि अंग्रेजी का विधानसभा में प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम बुंदेलखंडी, भोजपुर आदि अपनी भाषाओं का विरोध नहीं करते हैं लेकिन अंग्रेजी का इस विधानसभा में प्रयोग करना उचित नहीं है। बड़ी मुश्किल से अंग्रेजी हटाई गई थी। हिन्दी को विधानसभा की भाषा घोषित किया गया है। अंग्रेजी को लाकर हिन्दी को कमजोर करने प्रयास किया जा रहा है। अंग्रेजी को हटाने के लिए हम लोगों ने यातनाएं झेली हैं। दिल्ली, लखनऊ, गोरखपुर की जेलों में बंद रहे हैं। यहां कितने लोग हैं? यदि अंग्रेजी करते हैं तो उर्दू भी कर दें। अंग्रेजी का व्यक्तिगत रूप से मेरा विरोध दर्ज कर लें।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि क्या ये देश को कठमुल्लापन की ओर ले जाना चाहते हैं? यह नहीं चलने वाला है
इस पर जवाब देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विभिन्न बोलियों भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को इस सदन में सम्मान मिल रहा है। हमारी सरकार इन सभी भाषाओं की अलग-अलग एकेडमी के गठन की कार्यवाही को भी आगे बढ़ा रही है। ये सभी हिन्दी की उपभाषाएं हैं यानी कि हिन्दी की बेटियां हैं। हमें इसका स्वागत करना चाहिए। यह सदन विशुद्ध साहित्यिक साहित्यिक और व्याकरण के विद्वानों का ही नहीं है। सदन में अलग-अलग समाज से सदस्य हैं। यहां विभिन्न तबकों से सदस्य आए हैं। अंतिम पायदान के व्यक्ति की आवाज को भी सदन में मुखरता मिले, इसके लिए यदि वह हिंदी में असमर्थ है तो उसे अवधी, बुंदेलखंडी, भोजपुरी जिसमें भी वो समर्थ हो बोल सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यही ढोंग है। हर अच्छे काम का ये विरोध करते हैं। ये भोजपुरी, अवधी आदि का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा ये अपने बच्चों को तो अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ाते हैं लेकिन दूसरे के बच्चों को यदि सरकार सुविधा देना चाहती है तो ये कह देंगे कि उर्दू पढ़ाओ उसको। क्या ये देश को कठमुल्लापन की ओर ले जाना चाहते हैं? यह नहीं चलने वाला है।