टीम इंडिया (Team India) के स्टार बल्लेबाज़ और आईपीएल में धूम मचाने वाले रिंकू सिंह (Cricketer Rinku Singh) को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Adityanath Government) ने बड़ा तोहफा दिया है। खेल जगत में उनके उपलब्धियों के लिए उन्हें खेल कोटा से बेसिक शिक्षक अधिकारी (BSA) बनाने का फैसला लिया गया है।
लखनऊ। टीम इंडिया (Team India) के स्टार बल्लेबाज़ और आईपीएल में धूम मचाने वाले रिंकू सिंह (Cricketer Rinku Singh) को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Adityanath Government) ने बड़ा तोहफा दिया है। खेल जगत में उनके उपलब्धियों के लिए उन्हें खेल कोटा से बेसिक शिक्षक अधिकारी (BSA) बनाने का फैसला लिया गया है।
रिंकू को उनके खेल क्षेत्र में इंटरनेशनल पदक जीतने पर यह नियुक्ति मिल रही है। यूपी सरकार ( UP Government) के द्वारा उनका सीधा चयन विशेष नियमावली 2022 के तहत की जा रही है। क्रिकेटर रिंकू को सभी जरूरी दस्तावेजों को संबंधित पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है। दस्तावेजों की पुष्टि और सत्यापन के बाद, रिंकू का प्रोविजनल अपॉइंटमेंट की जाएगी।
रिंकू सिंह (Rinku Singh) की अलीगढ़ जिले के अंतर्गत अमीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) के पद पर नियुक्त की जाएगी। यह नियुक्ति शासन के 16 मई, 2025 के आदेश के अनुसार किया जा रहा है। रिंकू सिंह ने 8 जून को राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज (Samajwadi Party MP Priya Saroj) के सगाई की है। उनकी होने वाली पत्नी मछलीशहर से सांसद हैं।
2023 में सुर्खियों में आए थे रिंकू सिंह
रिंकू सिंह 2023 में सुर्खियों में तब आए थे जब उन्होंने आईपीएल में बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते हुए लगातार पांच गेंदों पर पांच छक्के लगाकर मैच जीत दिया था।
रिंकू सिंह (Rinku Singh) ने दिया साथ रिंकू ने गुजरात टाइटंस के गेंदबाज़ यश दयाल के गेंदबाजी पर ये कारनाम करके दिखाया था। कोलकाता को आखिरी ओवर में जीत के लिए 29 रन की ज़रूरत थी और रिंकू ने 5 छक्के लगातार मारकर 3 विकेट रहते ही जीत दिला दी। रिंकू सिंह यूपी के अलीगढ़ के एक साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता एक गैस एजेंसी के तहत एलपीजी सिलेंडर के वितरण का काम किया करते थे। शुरुआत में रिंकू ने भी अपने पिता का इस काम में हाथ बंटाया। हालांकि, बाद में अपनी मेहनत के बलबूते अंतरराष्ट्रीय खेल में अपना नाम कमाया।
छह और खिलाड़ियों को भी सरकारी सेवा का मौका
रिंकू सिंह के साथ छह अन्य खिलाड़ियों को भी अलग-अलग विभागों में नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इनमें प्रवीण कुमार और राजकुमार पाल को गृह विभाग में पुलिस उप अधीक्षक के पद पर नियुक्त किया गया है। अजीत सिंह और सिमरन को पंचायती राज विभाग में जिला पंचायती राज अधिकारी के पद पर नियुक्त किया है। प्रीति पाल को ग्रामीण विकास विभाग में खंड विकास अधिकारी का जिम्मा सौंपा गया है और किरन वालियान को वन विभाग में क्षेत्रीय वन अधिकारी पद मिला है। सरकार का यह कदम प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को मान्यता देने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
खेल निदेशालय ने रिंकू सिंह की प्रतिभा और उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में एक राजपत्रित अधिकारी पद पर नियुक्त करने का प्रस्ताव तैयार किया है। सूत्रों के अनुसार, यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जा चुका है और अब अंतिम निर्णय शासन स्तर पर लिया जाना बाकी है। खेल निदेशक आर.पी. सिंह ने बताया कि रिंकू सिंह को “राज्य सेवा में खेल कोटे” के तहत पद देने की सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमेशा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की नीति पर काम करती है और रिंकू सिंह जैसे खिलाड़ी को यह सम्मान देना इस नीति के अंतर्गत आता है।
खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव, बोले – हमें तो पता तक नहीं
इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह रही कि जब खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव से इस विषय पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमें तो इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर खेल निदेशालय ने कोई प्रस्ताव भेजा है तो वह मेरे संज्ञान में नहीं है। उनके इस बयान ने शासन और प्रशासन के बीच समन्वय की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर अधिकारी सक्रियता दिखा रहे हैं, वहीं मंत्री खुद इस प्रक्रिया से अनजान हैं।
विपक्ष ने उठाए सवाल
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि यह सरकार की कार्यप्रणाली को दर्शाता है कि मंत्री को ही नहीं पता कि उनके ही विभाग में क्या चल रहा है। रिंकू सिंह जैसे खिलाड़ी को सम्मान मिलना चाहिए, लेकिन यह प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि एक ओर सरकार खिलाड़ियों को नौकरी देने का दावा करती है और दूसरी ओर उनके मंत्री कहते हैं कि उन्हें खबर ही नहीं। यह दिखाता है कि सब कुछ केवल प्रचार के लिए किया जा रहा है।