साइबर फ्रॉड के मामलों में इजाफा हुआ है। दिल्ली में फ्रॉड का मामला सामने आया है।यहां एक महिला से बिना बैंक डिटेल्स और ओटीपी के एक लाख रुपए चपट कर डाली। महिला को साइबर फ्रॉड का शिकार बनाने के लिए आईवीआर का इस्तेमाल किया गया।
साइबर फ्रॉड के मामलों में इजाफा हुआ है। दिल्ली में फ्रॉड का मामला सामने आया है।यहां एक महिला से बिना बैंक डिटेल्स और ओटीपी के एक लाख रुपए चपट कर डाली। महिला को साइबर फ्रॉड का शिकार बनाने के लिए आईवीआर का इस्तेमाल किया गया।
दरअसल, महिला को एक फूड डिलीवरी फ्लेटफार्म से ऑटोमेटेड कॉल आया था। जिसके तुरंत बाद अपने बैंक अकांउट से 97 हजार रुपए गायब हो गए। इसके बाद उसने स्थानीय साइबर सेल में शिकायत की। पूछताछ में डिलीवरी ब्वॉय ने बताया कैसे आईवीआर कॉल का इस्तेमाल करके एप से लिंक बैंक अकाउंट को हैक करते थे और उनकी सारी जानकारी निकाल लेते थे।
डीसीपी अंकित चौहान के अनुसार आरोपियों की पहचान गुड़गांव निवासी अनिकेत कालरा और हिमांशु के रुप में हुई। उन्होंने बताया कि हमने आरोपियों के पास से फ्रॉड में इस्तेमाल किए गए सेलफोन सहित दो सेलफोन और तीन सिम कार्ड के अलावा नौ क्रेडिट और डेबिट कार्ड और एक नकली आधार कार्ड बरामद किया है।
फ्रॉड का शिकार हुई महिला ने बताया कि उसे रिकॉर्डेड मैसेज मिला था कि कोई उसके ऐप अकाउंट तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है इसके बाद उसे धोखा देकर धोखे से कुछ नंबर दबवाए और अगले ही मिनट उससके फूड डिलीवरी अकाउंट से जुड़े लेजी पे अकाउंट से पैसे काट लिया।
उन्होंने बताया कि इसके बाद इस पैसे का इस्तेमाल ऐप से कई सार आइटम ऑर्डर करने के लिए किया गया था। उधर नंबर जांच की गई तो पता चला कि यह एक वर्चुअल नंबर था और नंबर जेनरेट करने के लिए जि सिम का इस्तेमाल किया गया वो फर्जी दस्तावेजों पर जारी किया गया था। इसके बाद पुलिस ने किसी तरह आरोपियों का गुड़गांव का पता ढूंढ लिया जहां सामान की डिलीवरी हुई थी और दो संदिग्धों तक पहुंच गई। एसीपी राजेश कुमार और एसएचओ अरुण वर्मा की एक टीम ने छापेमारी की और दोनों को पकड़ लिया।