कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (Deputy Chief Minister DK Shivakumar) ने 'नवंबर क्रांति' की अटकलों को खारिज किया है। कहा कि कोई क्रांति नवंबर या दिसंबर में नहीं, बल्कि 2028 में होगी, जब कांग्रेस फिर से सत्ता में लौटेगी। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार (State Congress President Shivakumar) ने कहा कि वह पार्टी के 'अनुशासित सिपाही' हैं।
नई दिल्ली। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (Deputy Chief Minister DK Shivakumar) ने ‘नवंबर क्रांति’ की अटकलों को खारिज किया है। कहा कि कोई क्रांति नवंबर या दिसंबर में नहीं, बल्कि 2028 में होगी, जब कांग्रेस फिर से सत्ता में लौटेगी। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार (State Congress President Shivakumar) ने कहा कि वह पार्टी के ‘अनुशासित सिपाही’ हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) के साथ पार्टी के फैसले का पालन करेंगे। हाल ही में यह चर्चा चल रही थी कि कांग्रेस सरकार के पांच साल के कार्यकाल के बीच में मुख्यमंत्री बदले जा सकते हैं, जिसे कुछ लोग ‘नवंबर क्रांति’ कह रहे थे।
पार्टी जो तय करेगी, वही होगा : शिवकुमार
शिवकुमार (Shivakumar) ने कहा कि मैं किसी से मिलने नहीं जा रहा हूं, न ही कैबिनेट फेरबदल पर कोई चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का अधिकार है। पार्टी जो भी तय करेगी, वही होगा। अगर पार्टी कहे कि सीएम पांच साल रहेंगे, तो वे रहेंगे। दस साल रहेंगे तो दस साल, पंद्रह साल रहेंगे तो पंद्रह साल।
‘2028 में होगी क्रांति, जब कांग्रेस सत्ता में आएगी’
उन्होंने मीडिया में लगाई जा रही अटकलों को अफवाह बताया और कहा कि नवंबर, दिसंबर या जनवरी में कहीं कोई क्रांति नहीं होगी। असली क्रांति 2028 में होगी जब कांग्रेस फिर सत्ता में आएगी। कैबिनेट फेरबदल को लेकर पूछे गए सवाल पर शिवकुमार (Shivakumar) ने कहा कि इस पर फैसला दिल्ली का हाईकमान करेगा। वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) ने हाल ही में कहा था कि वह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे, हालांकि अंतिम निर्णय पार्टी का होगा।
2023 के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया और शिवकुमार (Shivakumar) के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी, लेकिन पार्टी ने समझौते के तहत शिवकुमार (Shivakumar) को उपमुख्यमंत्री बनाया था। उस समय यह भी खबरें आई थीं कि ढाई साल बाद दूसरा मुख्यमंत्री हो सकता है। हालांकि पार्टी ने इसे कभी आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया।