देव दीपावली का इंतजार संत गृहस्थ सभी करते है। इस दिन लोग दीपक जलाकर घर और आंगन को सजाते हैं। पौराणिक मान्यता है कि देव दीपावली के दिन काशी की पवित्र भूमि पर देवता पधारते है।
इस साल देव दीपावली 15 नवंबर को है। हिंदू पंचांग के अनुसार,कार्तिक पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर को दोपहर 12 बजे से शुरू होगी और 16 नवंबर को शाम 05 बजकर 10 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही कई जगहों पर तुलसी विवाह उत्सव भी मनाया जाता है। इसमें तुलसी जी का विवाह शालिग्राम भगवान से कराया जाता है।
कुछ भक्त इस दिन अखंड रामायण का पाठ करते हैं। भक्त पूरी रात भजन कीर्तन करके सांस्कृतिक नृत्य करके संगीत का आनंद उठाते हैं। देव दीपावली के दिन वाराणसी में हर साल गंगा के तट पर लाखों दीपक जलाए जाते हैं। देव दिवाली पर पूरे वाराणसी यानी प्राचीन काशी में अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। इस दिन लोग मुख्य रूप से जलाशयों के पास दीपक जलाते हैं।