धनतेरस का त्योहार दिवाली से दो दिन पहले कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन मनाया जाता हैं।
Dhanteras 2024 : धनतेरस का त्योहार दिवाली से दो दिन पहले कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन मनाया जाता हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, धनतेरस से दीपावली के तीन दिनों में लोग सुख-समृद्धि की कामना से मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करके आभूषणों, भूमि, संपत्ति, वाहन और अन्य भौतिक वस्तुओं की खरीदारी करते हैं। धनतेरस के दिन नए सामान की खरीदी करने की परंपरा है। इस दिन दान का करने का भी बहुत फल है। आईये जानते हैं कि इस किन वस्तुओं का दान लाभप्रद रहता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक मास की त्रयोदशी को समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए। यह दिन चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य के देवता धनवंतरी को समर्पित है, जो भगवान विष्णु के अंशावतार माने जाते हैं।
कब है धनतेरस 2024 तिथि
त्रयोदशी तिथि का आरंभ – 29 अक्टूबर, सुबह 10 बजकर 31 मिनट से
त्रयोदशी तिथि का समापन – 30 अक्टूबर, दोपहर 1 बजकर 15 मिनट तक
उदया तिथि के अनुसार, धनतेरस का पर्व दिन मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त
29 अक्टूबर को गोधूलि काल शाम 6 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
धनतेरस की पूजा के लिए आपको 1 घंटा 42 मिनट का समय मिलेगा।
लौह दान
धनतेरस के दिन लोहे की बनी चीज का दान बेहद शुभ माना जाता है। इससे आपके घर में चली आ रही परेशानियों का अंत होता है और घर में धन की कमी खत्म होती है।
अनाज दान
धनतेरस के दिन अनाज का दान बहुत शुभ माना जाता है। अनाज के दान से घर में अन्न का भण्डार भरा रहता है। गरीब को को भोजन कराना भी उत्तम माना जाता है।
झाड़ू दान
इस दिन झाड़ू दान देने से घर में घर की कमी कभी नहीं होती है।