अधिकतर महिलाओं को कहते सुना होगा कि अरे ऑपरेशन से बच्चा हुआ है तो जिंदगी भर कमर दर्द या अन्य दिक्कतें रहेंगी। इसके पीछे लोग ऑपरेशन से पहले रीढ़ की हड्डी में लगने वाले इंजेक्शन एनेस्थिसिया को जिम्मेदार ठहराते है। कि इस इंजेक्शन की वजह से कमर में दर्द होता है।
अधिकतर महिलाओं को कहते सुना होगा कि अरे ऑपरेशन से बच्चा हुआ है तो जिंदगी भर कमर दर्द या अन्य दिक्कतें रहेंगी। इसके पीछे लोग ऑपरेशन से पहले रीढ़ की हड्डी में लगने वाले इंजेक्शन एनेस्थिसिया को जिम्मेदार ठहराते है। कि इस इंजेक्शन की वजह से कमर में दर्द होता है।
सोशल मीडिया पर एक्सपर्ट ने जानकारी शेयर की है जिसमें कमर दर्द से जुड़े मिथ और फैक्ट के बारे में बताया है। दरअसल यह पूरा मिथ है। एनिस्थिसियोलॉजिस्ट के अनुसार सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान रीढ़ की हड्डी यानि स्पाइन में लगाई जाने वाली एनिस्थिसिया इंजेक्शन पूरी तरह से टेंपरेरी पेन रिलीफ के लिए इफेक्टिव तरीके से डिजाइन किया जाता है।
जिससे ऑपरेशन के दौरान होने वाले दर्द से बचा जा सके। एनिस्थिसिया की वजह से कमर के दर्द का कोई लेना देना नहीं होता है। ये पूरी तरह से मिथ है। बल्कि आपरेशन के बाद कमर में होने वाले दर्द के लिए ये कारण जिम्मेदार होते है। सिजेरियन आपरेशन के बाद महिलाओं के कमर में तेज दर्द काफी कॉमन है। जिसके लिए ये कारण जिम्मेदार होते है।
कमर में दर्द मेन कारण पोश्चर चेंज होता है। पूरी प्रेगनेंसी के दौरान यूटरस का वजन कमर पर होता है। जिसकी वजह से कमर की हड्डियों और मसल्स में वीकनेस आ जाती है और कमर का दर्द बढ़ जाता है। डिलीवरी के बाद पोश्चर का ध्यान रखना बेहद जरुरी होता है।
कई बार डिलीवरी के दौरान स्पाइन की नसों में खिंचाव आ जाता है। जिसकी वजह से भी दर्द होता है। डिलीवरी के बाद अगर आप लंबे समय तक बेड रेस्ट करती हैं, तो इससे भी कमर में दर्द बढ़जाता है। कई महिलाओं को विटामिन डी की कमी की वजह से भी कमर में दर्द होता है।