किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च में शामिल प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को अंबाला में शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। शंभू सीमा के पास उस समय अव्यवस्था की स्थिति बन गई, जब किसानों ने सीमेंट से बने अवरोधक हटाने के लिए ट्रैक्टर इस्तेमाल किए।
नई दिल्ली। किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च में शामिल प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को अंबाला में शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। शंभू सीमा के पास उस समय अव्यवस्था की स्थिति बन गई, जब किसानों ने सीमेंट से बने अवरोधक हटाने के लिए ट्रैक्टर इस्तेमाल किए। ये अवरोधक प्रदर्शनकारी किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए घग्गर नदी पुल पर हरियाणा पुलिस (Haryana Police) द्वारा बैरिकेड के हिस्से के रूप में रखे गए थे।
बंगलुरु पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने मंगलवार को कहा कि एमएसपी पर कानून, स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को लागू करने और कर्ज माफी की मांग से सभी किसान चिंतित हैं। किसानों ने इन मुद्दों को लेकर दिल्ली कूच किया है, जिसका वो समर्थन करते हैं। साथ ही उन्होंने इस प्रदर्शन को लेकर कहा कि कई किसान संघ हैं और उनके अलग-अलग मुद्दे हैं। अगर सरकार दिल्ली की ओर मार्च कर रहे इन किसानों के लिए कोई समस्या खड़ी करती है तो वे भी इससे दूर नहीं रहेंगे। साथ ही कहा कि लागत में वृद्धि के अनुरूप उपज की कीमत नहीं बढ़ रही है और सरकार पर ऐसे कदम उठाने का आरोप लगाया जो किसानों के हित में नहीं हैं।
देश में बड़ी पूंजीवादी कंपनिया एक राजनीतिक पार्टी बना ली है और इस देश पर कर लिया है कब्जा
किसान नेता राकेश टिकैत (BKU leader Rakesh Tikait) ने कहा कि देश में बड़ी पूंजीवादी कंपनिया हैं। उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी बना ली है और इस देश पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में दिक्कते आएंगी ही।अगर दिल्ली मार्च कर रहे किसानों के साथ कोई अन्याय हुआ या सरकार ने उनके लिए कोई दिक्कत पैदा की तो ना वो किसान हमसे ज्यादा दूर हैं और ना दिल्ली हमसे ज्यादा दूर है।
किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च पर किसान नेता नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने कहा कि पूरे देश में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। सरकार को हमारे साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए और किसानों को सम्मान देना चाहिए।सरकार को इस मुद्दे पर सोचना चाहिए और इसका समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए।