देवभूमि उत्तराखंड प्रकृति के वरदान से महकती रहती है। पर्वत , झरने और हर भरे घास की घाटियां इस भूमि को स्वर्ग से भी सुंदर बना देती है। जून से अक्टूबर तक उत्तराखंड की फूलों की घाटी तरह-तरह के फूलों से गुलजार रहती है।
Valley of Flowers : देवभूमि उत्तराखंड प्रकृति के वरदान से महकती रहती है। पर्वत , झरने और हर भरे घास की घाटियां इस भूमि को स्वर्ग से भी सुंदर बना देती है। जून से अक्टूबर तक उत्तराखंड की फूलों की घाटी तरह-तरह के फूलों से गुलजार रहती है। अगर आप भी इस जन्नत जैसी खूबसूरत जगह पर जाना चाहते हैं तो अभी प्लान बना लें। रंग बिरंगे फूल प्रकृति के सबसे खूबसूरत उपहारों में से एक है। उत्तराखंड की धरती को कुदरत ने इस उपहार से नवाजा है।
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में वैली ऑफ फ्लावर्स (Valley of Flowers) है जहां तरह-तरह के फूल आपका मन मोह लेंगे। वैली ऑफ फ्लावर्स वर्ल्ड हेरिटेज साइट (Valley of Flowers World Heritage Site) की लिस्ट में भी शामिल है। ये तरह तरह के फूल दिखने में इतने खूबसूरत और आकर्षक (beautiful and attractive) लगते हैं कि आप इस फूलों वाली घाटी के मुरीद हो जाएंगे। यहां आपको 500 से ज्यादा तरह के फूल देखने को मिलेंगे। अगर आप यहां जाना चाहते हैं तो जून का महीना बेस्ट है। जानिए आप वैली ऑफ फ्लावर कैसे पहुंच सकते हैं।
उत्तराखंड का राज्य फूल
वैली ऑफ फ्लावर्स (Valley of Flowers) में जाकर पर्यटकों को स्वर्ग जैसा अहसास होगा। यहां पहुंचने के लिए एक ट्रैक पर चलना होगा, जो दुनिया के सबसे खूबसूरत ट्रैक (The most beautiful tracks in the world) में से एक है। हर साल इस घाटी को देखने के लिए लाखों लोग पहुंचते है। 1 जून से 30 अक्टूबर तक कभी भी जा सकते हैं। लेकिन जुलाई से अगस्त तक का समय यहां घूमने के लिए सबसे सुंदर होता है। इस समय हल्की बारिश की वजह से मौसम खुशनुमा हो जाता है। यहां फूलों की कुछ ऐसी प्रजातियां भी हैं जो सिर्फ इसी घाटी में देखने को मिलेंगी। जैसे ब्रह्म कमल जो उत्तराखंड का राज्य फूल (State flower of Uttarakhand) है सिर्फ यहीं देखने को मिलेगा।
दिल्ली से वैली ऑफ फ्लावर्स की दूरी
दिल्ली से वैली ऑफ फ्लावर्स की दूरी 500 किलोमीटर है। यहां जाने के लिए आपको कम से कम 12 घंटे का समय लग जाएगा। आपको बता दें, फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए ऋषिकेश से जाना होगा। उसके आगे जोशीमठ ( Joshimath )के पास का गोविंदघाट ( Govindghat ) सबसे नजदीकी क्षेत्र है, जो लगभग 17 किमी दूर है। यहां ट्रैकिंग के जरिए आप पहुंच सकते हैं।
फूलों की घाटी के लिए लेना होगा परमिट
फूलों की घाटी में जाने के लिए पर्यटकों को गंगरिया से परमिट लेना पड़ता है। परमिट 3 दिनों के लिए वैलिड होता है और आप केवल दिन के समय ही यहां ट्रैकिंग (Tracking) कर सकते हैं। ट्रैकिंग के लिए भारतीय नागरिकों को 200 रुपए वहीं विदेशी नागरिकों को 800 रुपये ट्रैकिंग फीस देनी होती है। इस ट्रैक पर आपको कई किलोमीटर पैदल चलना होगा। यकीन मानिए यहां पहुंचने के बाद आपको सबसे खूबसूरत जगह देखने को मिलेगी।