समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को अरावली पहाड़ियों की सुरक्षा की अपील की। यह अपील 20 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार की अरावली पहाड़ियों की परिभाषा को स्वीकार करने के बाद की गई है। रिपोर्ट के अनुसार इस परिभाषा में कहा गया है कि इस रेंज में 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली किसी भी पहाड़ी पर खनन के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध लागू नहीं होंगे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में यादव ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अरावली पहाड़ियों को बचाना सीधे तौर पर दिल्ली के भविष्य से जुड़ा है।
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Samajwadi Party President Akhilesh Yadav) ने रविवार को अरावली पहाड़ियों की सुरक्षा की अपील की। यह अपील 20 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा केंद्र सरकार की अरावली पहाड़ियों की परिभाषा को स्वीकार करने के बाद की गई है। रिपोर्ट के अनुसार इस परिभाषा में कहा गया है कि इस रेंज में 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली किसी भी पहाड़ी पर खनन के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध लागू नहीं होंगे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में यादव ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अरावली पहाड़ियों को बचाना सीधे तौर पर दिल्ली के भविष्य से जुड़ा है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद अखिलेश यादव (MP Akhilesh Yadav) ने कहा कि कहा कि ये पहाड़ हवा प्रदूषण को कम करने, शहर के तापमान को नियंत्रित करने और जैव विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अगर अरावली बचेंगी तो दिल्ली हरी-भरी रहेगी। अखिलेश यादव ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पहाड़ियों को बचाना सिर्फ़ एक विकल्प नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संकल्प है। प्रिय दिल्लीवासियों अगर अरावली बचेंगी तो दिल्ली हरी-भरी रहेगी तो अरावली को बचाना कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक संकल्प है। यह मत भूलिए कि अगर अरावली बचेगी, तभी एनसीआर बचेगा। अरावली को बचाना बहुत ज़रूरी है क्योंकि यह दिल्ली और NCR के लिए एक प्राकृतिक ढाल-या यूं कहें भगवान द्वारा बनाया गया अवरोध-का काम करती है। सिर्फ़ अरावली ही दिल्ली के आसमान से गायब हो चुके तारों को वापस ला सकती है और पर्यावरण की रक्षा कर सकती है। सिर्फ़ अरावली पर्वत श्रृंखला ही दिल्ली के हवा प्रदूषण को कम करती है और बारिश और पानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एनसीआर की जैव विविधता सिर्फ़ अरावली की वजह से ही बची हुई है। जो वेटलैंड्स एक-एक करके गायब हो रहे हैं, उन्हें सिर्फ़ यही बचा सकती है। यह गायब हो रहे पक्षियों को वापस ला सकती है।