सनातनधर्मी मां गंगा को धर्म, अर्थ, काम ,मोक्ष के रूप में पूजते है। गंगा के पवित्र जल को अमृत के समान माना जाता है।
Ganga Dussehra 2025 : सनातनधर्मी मां गंगा को धर्म, अर्थ, काम ,मोक्ष के रूप में पूजते है। गंगा के पवित्र जल को अमृत के समान माना जाता है। मान्यता अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर हस्त नक्षत्र में मां गंगा (Ma Ganga) धरती पर अवतरित हुई थीं। भागीरथ मां गंगा को धरती पर लाए थे इसलिए मां गंगा को भागीरथी के नाम से भी जाना जाता है। भारत में आदिकाल से ही मां गंगा की पूजा होती आ रही है। मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
कब है गंगा दशहरा
इस साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 4 जून की रात 11 बजकर 54 मिनट पर शुरू हो रही है। ऐसे में उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए 5 जून, गुरुवार को गंगा दशहरा मनाई जाएगी।
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार,इस विशेष दिन पर भगवान भोलेनाथ की विधिवत उपासना करने से भी विशेष लाभ प्राप्त होता है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस विशेष दिन पर पितरों को तर्पण प्रदान करने से भी लाभ प्राप्त होता है। इस दिन गरीब और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करना शुभ माना जाता है।