राम भक्त हनुमान को संकटमोचक कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि हनुमानचालीसा का नियमित पाठ करने से जीवन में रोग , शोक , दुख,भय ,क्लेश का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
Glory of Hanuman Chalisa : राम भक्त हनुमान को संकटमोचक कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि हनुमानचालीसा का नियमित पाठ करने से जीवन में रोग , शोक , दुख,भय ,क्लेश का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस माह के प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी की विधिवत सेवा पूजा करने की परंपरा है। भक्तगण प्रत्येक मंगलवार को प्रात: काल से ही मंदिरों में जाकर हनुमान जी को भोग प्रसाद अर्पित करते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन में कष्टों का निवारण होता है।
हनुमान चालीसा की ऐतिहासिकता के बारे में कहा जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास ने हनुमान चालीसा फतेहपुर सीकरी की जेल में रहते हुए अवधी भाषा में लिखी थी। इसे लिखने के पीछे का कारण था भगवान राम और हनुमान जी के प्रति उनकी गहरी भक्ति। हनुमान चालीसा में हनुमान जी के गुणों, पराक्रम और चरित्र का वर्णन है।
यह भी कहा जाता है कि उन्होंने कारावास में हनुमान चालीसा लिखी, जहाँ उन्हें हनुमान जी के दर्शन हुए और उन्होंने चालीसा की रचना करने का मार्गदर्शन प्राप्त किया।
हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना एक महत्वपूर्ण और प्रभावी उपाय है।
इस चालीसा में 40 श्लोक हैं, जिनमें हनुमान जी के गुणों, कार्यों, और आदर्शों की महिमा व्यक्त की गई है। यह चालीसा हिंदू धर्म में हनुमान जी की पूजा और आराधना के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है और व्यक्ति का मन शांत रहता है। ग्रहों के दोषों का निवारण होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है।हनुमान चालीसा का पाठ करते समय साधक का मुख पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।