भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा, इससे बड़े गंभीर सवाल मन में उठते हैं। भारत की राजनीति में राहुल गांधी जी नया शब्द लाए हैं, खट खटा खट... क्योंकि ये जो कई चुनाव से खट खटा खट चल रहा था, उसका क्या होगा? राहुल गांधी घोषणा करने में माहिर हैं। राहुल गांधी ने हिमाचल में क्या क्या घोषणाएं की थीं और आज ये स्थिति है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जी, मंत्री और विधायकों से कह रहे हैं कि वेतन लेना बंद करो।
बेंगलुरु। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने गारंटी की घोषणा बजट के आधार पर की जानी चाहिए। अन्यथा, दिवालियापन हो जाएगा। वहीं, अब इसको लेकर भाजपा नेताओं ने इसको लेकर निशाना साधना शुरू कर दिया है। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, क्या कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल गांधी को यह पाठ पढ़ाया है? राहुल गांधी घोषणाएं करने में माहिर हैं।
मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, मैंने कहा है कि उन्हें (महाराष्ट्र कांग्रेस को) 5, 6, 10 या 20 गारंटी की घोषणा नहीं करनी चाहिए। गारंटी की घोषणा बजट के आधार पर की जानी चाहिए। अन्यथा, दिवालियापन हो जाएगा। अगर सड़कों के लिए पैसे नहीं हैं, तो हर कोई आपके खिलाफ हो जाएगा। अगर सरकार विफल होती है, तो आने वाली पीढ़ी के पास बदनामी के अलावा कुछ नहीं बचेगा।
वहीं, अब इसको लेकर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा, इससे बड़े गंभीर सवाल मन में उठते हैं। भारत की राजनीति में राहुल गांधी जी नया शब्द लाए हैं, खट खटा खट… क्योंकि ये जो कई चुनाव से खट खटा खट चल रहा था, उसका क्या होगा? राहुल गांधी घोषणा करने में माहिर हैं। राहुल गांधी ने हिमाचल में क्या क्या घोषणाएं की थीं और आज ये स्थिति है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जी, मंत्री और विधायकों से कह रहे हैं कि वेतन लेना बंद करो।
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे साहब को बहुत ज्ञान आ गया है और उस ज्ञान में उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण चीजों को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा है कि वही गारंटी announce कीजिए, जिसके लिए बजट हो। इसे सुनकर मन में सवाल आया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जो गुणी चिंतन दिया है, उसका पहला पाठ अपने नेता राहुल गांधी को पढ़ाया है कि नहीं पढ़ाया है। क्या खड़गे साहब माफी मांगेंगे जो तेलांगना, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में हो रहा है। जिस प्रकार से तथाकथित इंडी अलायंस के लोग महाराष्ट्र में और झारखंड में अंबार लगाने का प्रयास कर रहे हैं, ये भी जनता की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास है।