सनातन धर्म में पौराणिक काल से ही गुरु शिष्य परंपरा का पालन किया जा रहा है। गुरु से शिष्य तक ज्ञान उनके बीच आध्यात्मिक, बौद्धिक और भावनात्मक बंधन के माध्यम से पहुँचाया जाता है।
Guru Purnima 2024: सनातन धर्म में पौराणिक काल से ही गुरु शिष्य परंपरा का पालन किया जा रहा है। गुरु से शिष्य तक ज्ञान उनके बीच आध्यात्मिक, बौद्धिक और भावनात्मक बंधन के माध्यम से पहुँचाया जाता है। गुरु अपने शिष्यों को ज्ञान और प्रेरणा के मार्ग पर चलने का मार्गदर्शन करते हैं। प्रत्येक वष आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा व्रत का पालन किया जाता है। यह त्यौहार हमारे गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उन्हें सम्मान देने का समय है। वर्ष 2024 में गुरु पूर्णिमा रविवार, 21 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी।
गुरु शिष्य को आध्यात्मिक और धार्मिक ज्ञान प्रदान करता है। यह शिष्य के व्यक्तिगत और आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है। इसके साथ शिष्य को अपने गुरु के प्रति पूर्ण निष्ठा और समर्पण दिखाना होता है और वह अपने गुरु की शिक्षा और मार्गदर्शन का पालन करता है।
विद्या और ज्ञान का संगम
गुरु शिष्य को विभिन्न विधाओं में पारंगत करता है। शिक्षा का माध्यम वाचिक और व्यवहारिक दोनों हो सकता है। इसके साथ गुरु शिष्य परंपरा कई विशेष नियमों का भी पालन किया जाता है।
अनुशासन और नैतिकता
शिष्य को अनुशासित और नैतिक जीवन जीना चाहिए। गुरु को शिष्य के आचरण और व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए। शिष्य को गुरु द्वारा दी गई शिक्षा और गूढ़ ज्ञान की गोपनीयता बनाए रखनी चाहिए। साथ ही गुरु को भी शिष्य के व्यक्तिगत और आध्यात्मिक विकास की बातें गोपनीय रखनी चाहिए।