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अगर सत्ता की मिलीभगत न होती तो अब तक डीपफ़ेक वाले डीपजेल में होते, अब बेईमान कंपनियों का काउंटडाउन शुरू हो गया: अखिलेश यादव

अखिलेशय यादव ने आगे कहा, वैसे सूची ज़ाहिर होने के बाद इन्हें कोई बचाएगा नहीं, इनके संचालकों और कर्मचारियों पर अगर सरकार की नहीं, तो जनाक्रोश और अपनी अंतरात्मा के ईमान की गाज तो गिरेगी ही। भाजपा इन्हें दूर से बांस से भी नहीं छूएगी क्योंकि काम निकल जाने के बाद ये अपनों को नहीं पहचानते हैं तो फिर पैसों की लालची ऐसी कंपनियों को देखकर तो आंख क्या पूरा मुंह मोड़ लेंगे, वैसे भी सब जानते हैं, भाजपा किसी की सगी नहीं है।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, सत्तापक्ष से पैसा लेकर ‘डीपफ़ेक’ के द्वारा झूठे प्रचार का ‘अपराध’ करनेवालों की सूची जब से सरेआम हुई है, तब से डर के मारे इनके संचालक और उनके कर्मचारी भूमिगत-से हो गये हैं। अगर सत्ता की मिलीभगत न होती तो अब तक डीपफ़ेक वाले डीपजेल में होते।

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अब ग़ैरक़ानूनी काम करनेवाली ये गुनाहगारी कंपनियां जेल जाने के डर से बचने लिए अपना नाम बदलने के चक्कर में सत्ताधारियों के चक्कर काट रही हैं। वैसे जिन्होंने पैसे देकर ये काम करवाया है या कहिए कि ऐसी लालची कंपनियों को फंसाया है, वो तो स्वयं ही नाम बदलने के एक्सपर्ट हैं, ये कंपनियां फिर से उन्हीं की शरण में जाएं।

अखिलेशय यादव ने आगे कहा, वैसे सूची ज़ाहिर होने के बाद इन्हें कोई बचाएगा नहीं, इनके संचालकों और कर्मचारियों पर अगर सरकार की नहीं, तो जनाक्रोश और अपनी अंतरात्मा के ईमान की गाज तो गिरेगी ही। भाजपा इन्हें दूर से बांस से भी नहीं छूएगी क्योंकि काम निकल जाने के बाद ये अपनों को नहीं पहचानते हैं तो फिर पैसों की लालची ऐसी कंपनियों को देखकर तो आंख क्या पूरा मुंह मोड़ लेंगे, वैसे भी सब जानते हैं, भाजपा किसी की सगी नहीं है।

उन्होंने आगे कहा, बेईमान कंपनियों का काउंटडाउन शुरू हो गया है। अब उनके कर्मचारी अपने को बचाने के लिए इस्तीफ़े भी देंगे, उनके खाते भी सीज़ होंगे और उनके पढ़े-लिखे संचालक जेल में शर्म से सिर झुकाए अपना जीवन गुज़ारेंगे। उनके बच्चे, परिवार और समाज वाले लोग उनसे पूछेंगे कि ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि इतनी प्रतिभा के बाद भी वो अवैधानिक काम कर रहे थे। वो तो एक शर्मसार जीवन बिताएंगे ही, अपनों को भी पूरी ज़िंदगी के लिए शर्मसार जीवन बिताने के लिए मजबूर कर देंगे।

वैसे तो इस महाखुलासे के बाद वो पढ़े-लिखे भी बहुत शर्मिंदा होंगे, जो भाजपा द्वारा प्रचारित झूठ को सच मानकर, विपक्ष को बदनाम करने और ऐसे वीडियो को सोशल मीडिया पर बिना जांच-परख के फ़ारवर्ड करने की साज़िश में अपने भोलेपन की वजह से शिकार हुए हैं। भाजपा लोगों के भोलेपन का इस्तेमाल करने में शातिराना उस्तादी रखती है। आशा है ऐसी जनता अपने अपराधबोध से उबरने के लिए आगे से भाजपा की ऐसी किसी साज़िश का हिस्सा नहीं बनेगी क्योंकि क़ानूनन गुनाहगार तो वो भी है जो किसी को बदनाम करने की बदनीयत से प्रचारित किसी सूचना या समाचार को आगे प्रसारित करता है। भाजपा ने अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए जानबूझकर जिस भोली-भाली जनता को अपराधी-सा बना दिया है, अब वही जनता भाजपा को हराकर, हटाकर सबक सिखाएगी। भाजपा ने अपने ही समर्थकों के साथ सिर्फ़ विश्वासघात ही नहीं, बल्कि धोखाधड़ी भी करी है और अपनी चार सौ बीसी से क़ानूनी रूप से उन्हें अपने झूठे प्रचार का हिस्सा बनाकर एक अपराध में संलिप्त भी कर दिया है। भाजपा से दूरी ही उनको बचा सकती है।

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सपा अध्यक्ष ने आगे कहा, हम माननीय न्यायालय से मांग करते हैं कि वो ‘डीपफ़ेक’ खुलासे का स्वतः संज्ञान लेकर, ऐसा अवैधानिक काम करवानेवाले राजनीतिक दल, अधिकारियों और ऐसा ग़ैरक़ानूनी काम करनेवाली कंपनियों के मालिकों-संचालकों के ख़िलाफ़ जाँच और दंड की प्रक्रिया तत्काल शुरू करें।

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