हनुमान जयंती का पावन पर्व चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 को मनाई जा रही है। आज हम आपको नीम करोली बाबा से जुड़ी कुछ दिलचस्प बाते बताने जा रहे है। नीम करोली बाबा को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है।
हनुमान जयंती का पावन पर्व चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस बार हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 को मनाई जा रही है। आज हम आपको नीम करोली बाबा से जुड़ी कुछ दिलचस्प बाते बताने जा रहे है। नीम करोली बाबा को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है।
नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) का जन्म सन 1900 के आस पास उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में हुआ था। उनके बारे में कहा जाता है कि 17 साल की उम्र में उन्हे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। बाबा का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। लेकिन इन्हें हांडी वाले बाबा, तिकोनिया बाबा, तलईया बाबा, नीम करोली बाबा और महाराज नीम करोली बाबा कहा जाता था।
नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) के भक्त इन्हे हनुमान जी का अवतार मानते है। कहा जाता है कि कलयुग में बाबा नीम करोली के रुप में हनुमान जी का जन्म हुआ था। दरअसल बाबा नीम करोली से जुड़े ऐसे कई चमत्कार हुए हैं, जो हनुमान जी से भी जुड़े हैं हालांकि बाबा खुद को सामान्य ही मानते थे। किसी को अपने पैर नहीं छूने देते थे।
1958 में बाबा ने अपने घर को त्याग दिया और साधु संत की तरह जीवन व्यतीत करने लगे। एक बार बाबा फर्स्ट क्लास कम्पार्टमेंट में यात्रा कर रहे थे। इस दौरान टीसी टिकट चेक करने आया तो बाबा के पास टिकट नहीं था। तब बाबा को अगले स्टेशन नीम करोली में ट्रेन से उतार दिया गया। बाबा थोड़ी दूर पर ही अपना चिमटा जमीन में गाड़ कर बैठ गए।
ऑफिशल्स ने ट्रेन को चलाने का आर्डर दिया और गार्ड ने ट्रेन को हरी झंडी दिखाई लेकिन ट्रेन जरा भी नहीं हिली। लाख कोशिश के बाद जब ट्रेन नहीं चली तो लोकर मजिस्ट्रेट जो बाबा को जानता था उसने ऑफिशल्स को बाबा से क्षमा मांगने और उन्हे आदरपूर्वक अंदर लाने को कहा। ऑफिशल्स ने बाबा से माफी मांगी औऱ उन्हे सम्मान के साथ ट्रेन में बैठाया गया। बाबा के ट्रेन में बैठते ही ट्रेन चल पड़ी। तभी से बाबा का नाम नीम करोली बाबा पड़ गया।
नैनीताल के पास कैंची धाम में नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) 1961 में पहली बार गए और उन्होंने अपने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिलकर यहां आश्रम बनाने का सोचा। यहां बाबा नीम करौली ने सन 1964 में आश्रम की स्थापना की।
नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) का समाधि स्थल नैनीताल के पास पंतनगर में है। यह एक ऐसी जगह है जहां कोई भी मुराद लेकर जाए तो वह खाली हाथ नहीं लौटता। यहां बाबा का समाधि स्थल भी है। यहां बाबा नीम करोली की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित की गयीहै। यहां हनुमानजी की मूर्ति भी है।
नीम करोली बाबा के भक्तो में एप्पल के मालिक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्क और हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स का नाम लिया जाता है।
रिचर्ड एलपर्ट ने नीम करोली बाबा के चमत्कारों पर मिरेकल ऑफ लव नामक एक किताब लिखी इसी में बुलेटप्रुफ कंबल नाम से एक घटना का जिक्र है। नीम करोली बाबा हमेशा कंबल ओढ़ा करते थे।आज भी उनके मंदिर में लोग कंबल भेंट करते है।
नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba)ने अपने शरीर का त्याग 11 सिंतबर 1973 में वृदांवन में किया था। बताया जाता है कि बाबा के आश्रम में सबसे अधिक अमेरिकी आते है।