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Hariyali Teej 2025:  सुहागिन महिलाओं के लिए हरियाली तीज का विशेष महत्व है , उत्सव  तिथि पर करें ये काम

सावन माह में प्रकृति हरियाली बिछाकर उत्सव मनाती है। जब धरती हरी चादर से ढक जाती है उस समय हरियाली तीज का त्यौहार मनाया जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Hariyali Teej 2025 : सावन माह में प्रकृति हरियाली बिछाकर उत्सव मनाती है। जब धरती हरी चादर से ढक जाती है उस समय हरियाली तीज का त्यौहार मनाया जाता है। मनमोहक समय में पड़ने वाला यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ,सनातन धर्म में प्रत्येक व्रत और त्यौहार का अपना विशिष्ट महत्व होता है। सावन के महीने में जब चारों तरफ हरियाली ही हरियाली होती है, या फिर जब धरती हरी चादर से ढक जाती है उस समय हरियाली तीज का त्यौहार मनाया जाता है।

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श्रावणी तीज
हिन्दू पंचांग के अनुसार, हरियाली तीज (Hariyali Teej) का उत्सव प्रतिवर्ष श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है और इस पर्व को हरियाली तीज या श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता हैं। मान्यता है कि हरियाली तीज का व्रत करने से पति को लंबी आयु मिलती है। इस व्रत को सुहागिन महिलाओं के अलावा कुंवारी कन्याएं भी कर सकती हैं। हरियाली तीज के व्रत का पालन करने लिए कुछ आवश्यक नियम है।

हरियाली तीज – 27 जुलाई 2025
तृतीया तिथि प्रारम्भ – जुलाई 26, 2025 को 10:41 पी एम बजे
तृतीया तिथि समाप्त – जुलाई 27, 2025 को 10:41 पी एम बजे

हरियाली तीज पर व्रत का पालन करने लिए कुछ आवश्यक नियम है। इस दिन महिलाएं अपने हाथों और पैरों में मेहंदी लगाती है। हरे रंग के कपड़े पहनती हैं। हरी चूड़ियां पहनती हैं और सुहाग का सामान खरीदती हैं। परंपरा के अनुसार, इस व्रत में सास नवविवाहित बहू को कपड़े, हरी चूड़ियां, गहने, मेकअप का सामान, सिंदूर और मेहंदी देती है। इस दिन महिलाएं एक साथ मिलकर सावन के गीत गाती हैं, झूला झूलती हैं और खूब नाच गाना होता है।

षोडशोपचार पूजन करें
मां पार्वती के बाद भगवान शंकर को वस्त्र अर्पण करें।
इसके बाद देवताओं का ध्यान करते हुए षोडशोपचार पूजन करें।
अंत में हरियाली तीज की कथा सुननी या पढ़नी चाहिए।

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