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Hariyali Teej vrat 2024 : सावन में इस दिन रखा जाएगा हरियाली तीज का व्रत , ये रहा पूजा का शुभ मुहूर्त

सावन माह में भगवान भोलेनाथ विशेष कृपा होती है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित इस माह में पड़ने वाले  तीज-त्यौहार विशेष महत्व रखते है।  इस माह में हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Hariyali Teej vrat 2024 : सावन माह में भगवान भोलेनाथ विशेष कृपा होती है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित इस माह में पड़ने वाले  तीज-त्यौहार विशेष महत्व रखते है।  इस माह में हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सुखी दांपत्य जीवन और पति की लंबी उम्र के लिए भगवान शिव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा करती हैं। पौराणिक मान्यता है कि हरियाली तीज का व्रत करने से पति को लंबी आयु मिलती है। इस व्रत को सुहागिन महिलाओं के अलावा कुंवारी कन्याएं भी कर सकती हैं। हरियाली तीज के व्रत का पालन करने लिए कुछ आवश्यक नियम है।

पढ़ें :- Hariyali Teej vrat 2024 : सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए रखती हैं हरियाली तीज का व्रत ,भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती है

हरियाली तीज का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार,सावन के माह में ही माता पार्वती ने भगवान शिव को वर रूप में प्राप्त करने की मनोकामना से गुफा में रेत का शिवलिंग बनाकर कठोर तपस्या की और निर्जला व्रत किया था। इसके पश्चात शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन ही मां पार्वती के कठोर तप और निर्जला व्रत से प्रसन्न होकर भगवान शिव उनके सामने साक्षात प्रकट हुए थे और उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया था।

हरियाली तीज तिथि
हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। इस साल यानी 2024 में हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त को रखा जाएगा। तृतीया तिथि 6 अगस्त की रात को 7.52 पर आरंभ हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 7 अगस्त को रात 10.05 मिनट पर होगा। उदया तिथि की बात करें, तो हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त को रखा जाएगा।

हरियाली तीज पर व्रत का पालन करने लिए कुछ आवश्यक नियम है। इस दिन महिलाएं अपने हाथों और पैरों में मेहंदी लगाती है। हरे रंग के कपड़े पहनती हैं। हरी चूड़ियां पहनती हैं और सुहाग का सामान खरीदती हैं। परंपरा के अनुसार, इस व्रत में सास नवविवाहित बहू को कपड़े, हरी चूड़ियां, गहने, मेकअप का सामान, सिंदूर और मेहंदी देती है। इस दिन महिलाएं एक साथ मिलकर सावन के गीत गाती हैं, झूला झूलती हैं और खूब नाच गाना होता है।

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