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हेमंत सोरेन नहीं कर पाएंगे चुनाव प्रचार; सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से किया इनकार

Hemant Soren did not get Interim bail: कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज पूर्व सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को अंतरिम जमानत (Interim bail) देने से मना कर दिया है। जिसके बाद झारखंड के हेमंत सोरेन लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे। कोर्ट के इस फैसले को विपक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। 

By Abhimanyu 
Updated Date

Hemant Soren did not get Interim bail: कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज पूर्व सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को अंतरिम जमानत (Interim bail) देने से मना कर दिया है। जिसके बाद झारखंड के हेमंत सोरेन लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे। कोर्ट के इस फैसले को विपक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

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दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Cases) में ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले में मंगलवार (21 मई, 2024) को कोर्ट में बहस के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने अपनी दलीलें दी थीं, जबकि ईडी की तरफ से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने मंगलवार और बुधवार को दलील दी। सिब्बल ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह 8.86 एकड़ जमीन का मामला है और इससे हेमंत सोरेन का कोई लेना-देना नहीं है। सभी रिकॉर्ड सही है तो ऐसे में कोई विवाद नहीं बनता है। इस पर एसवी राजू ने कहा कि ऐसा कहना गलत है कि इसमें विवाद नहीं बनता।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को कहा कि निचली अदालत मामले पर संज्ञान ले चुकी है। नियमित बेल याचिका भी खारिज हो चुकी है तो ऐसे में गिरफ्तारी की चुनौती पर सुनवाई का आधार नहीं बनता। इसके अलावा कोर्ट ने हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की ओर से निचली अदालत में जमानत याचिका दायर करने के तथ्य को छिपाने पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि 4 अप्रैल को ट्रायल कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया था। नियमित ज़मानत याचिका भी लंबित थी और इन बातों को याचिका में छुपाया गया।

इस पर हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने कहा कि यह उनकी गलती है, जो कि जानकारी के अभाव में हुई। उसकी सजा सोरेन को न मिले। हालांकि, जजों ने कहा कि बेहतर है कि वह दूसरे कानूनी विकल्प देखें। इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती।

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