ज्योतिष और हर्बलिज्म दो प्राचीन विद्याएँ हैं जिन्होंने हज़ारों सालों से मानव की रुचि को आकर्षित किया है। हालाँकि अक्सर इनका अध्ययन अलग-अलग तरीके से किया जाता है, लेकिन इन दोनों क्षेत्रों के बीच एक रहस्यमय संबंध मौजूद है, जिसे आप चाहें तो ब्रह्मांडीय संबंध कह सकते हैं।
Herbs Astrology : ज्योतिष और हर्बलिज्म दो प्राचीन विद्याएँ हैं जिन्होंने हज़ारों सालों से मानव की रुचि को आकर्षित किया है। हालाँकि अक्सर इनका अध्ययन अलग-अलग तरीके से किया जाता है, लेकिन इन दोनों क्षेत्रों के बीच एक रहस्यमय संबंध मौजूद है, जिसे आप चाहें तो ब्रह्मांडीय संबंध कह सकते हैं। भारतीय ज्योतिष ग्रंथों में ग्रह नक्षत्रों की अपार शक्ति के बारे में विशेष रूप से बताया गया है। यह भी बताया गया है कि इसका असर जीव के जीवन पर पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के कमजोर ग्रहों के दुष्प्रभाव को समाप्त करने के लिए रत्नों और वनस्पतियों के उपाय बताए गए है। ऐसी स्थिति में कुछ जड़ी बूटियां जीवन के लिए बहुत चमत्कारी होती है। इन वनस्पतियों को धारण कर आसान ज्योतिषीय उपचार हो जाता है। यह आसान भी और सर्वत्र उपलब्ध भी है। आइये जानते है उनके बारे में।
1.ज्योतिष विशेषज्ञ कुंडली में ग्रहों के राजा सूर्य के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए माणिक्य रत्न धारण करने की सलाह देते हैं, लेकिन अगर आप ये रत्न खरीदने में सक्षम नहीं हैं तो बेल के पेड़ की जड़ को लाल कपड़े में बांधे और इसका पूजन करें। इस जड़ को धारण कर लें। ये भी माणिक्य का ही काम करेगी।
2.ज्योतिष विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मंगल के शुभ फल प्राप्त करने के लिए अनंतमूल की जड़ को मंगलवार के दिन लाल कपड़े में बांधकर धारण करें। इसे मूंगे के विकल्प के तौर पर देखा जाता है।
3.गूलर के पेड़ की जड़ को शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव पाने के लिए उपयुक्त माना जाता है। ये हीरे के समान फलदायी होती है। अगर आप हीरा नहीं पहन सकते तो इस जड़ को शुक्रवार के दिन धारण करें।
4.शनि ग्रह के शुभ प्रभाव के लिए शमी की जड़ को नीले कपड़े में बांधकर इस्तेमाल करना चाहिए। शनि का रत्न नीलम होता है।
5.सफेद चंदन के टुकड़े को नीले कपड़े में बांधकर बुधवार के दिन धारण करें।