तकनीक के कारण लोगों को सुविधा तो मिल रही है काम तो आसान हो रहा है लेकिन लोग बीमारी के चपेट में आ रहे हैं । इन्हीं में से एक है हाई ब्लड प्रेशर, जो धीरे-धीरे ‘साइलेंट किलर’ के रूप में उभर रहा है। इसका सीधा संबंध मानसिक तनाव यानी स्ट्रेस से जुड़ा है।लंबे समय तक बना रहने वाला स्ट्रेस ब्लड प्रेशर को असंतुलित कर देता है, जिससे किडनी, हार्ट और आंखों जैसे महत्वपूर्ण अंग प्रभावित होते हैं। इसलिए इसे नज़रअंदाज़ न करें । इस विषय पर यहां विस्तार से जानकारी दी गई है। आइए जानते हैं
तकनीक के कारण लोगों को सुविधा तो मिल रही है काम तो आसान हो रहा है लेकिन लोग बीमारी के चपेट में आ रहे हैं । इन्हीं में से एक है हाई ब्लड प्रेशर, जो धीरे-धीरे ‘साइलेंट किलर’ के रूप में उभर रहा है। इसका सीधा संबंध मानसिक तनाव यानी स्ट्रेस से जुड़ा है।लंबे समय तक बना रहने वाला स्ट्रेस ब्लड प्रेशर को असंतुलित कर देता है, जिससे किडनी, हार्ट और आंखों जैसे महत्वपूर्ण अंग प्रभावित होते हैं। इसलिए इसे नज़रअंदाज़ न करें । इस विषय पर यहां विस्तार से जानकारी दी गई है। आइए जानते हैं
लंबा और लगातार तनाव
तनाव की स्थिति में शरीर ‘कॉर्टिसोल’ और ‘एड्रेनालिन’ जैसे हार्मोन छोड़ता है, जो दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर को बढ़ा देते हैं।
अनियमित दिनचर्या
नींद का अभाव, अनियमित खानपान, देर तक काम करना और आराम का अभाव शरीर को थका देता है, जिससे स्ट्रेस और हाई बीपी दोनों बढ़ते हैं।
गलत खानपान
बहुत ज्यादा नमक, तले-भुने और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन ब्लड प्रेशर को प्रभावित करता है।
फिजिकल एक्टिविटी में कमी
नियमित एक्सरसाइज न करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन का लेवल कमजोर होता है, जिससे स्ट्रेस का असर अधिक दिखने लगता है।
पर्सनल या प्रोफेशनल प्रॉब्लम
नौकरी का दबाव, रिश्तों में तनाव और वित्तीय समस्याएं भी मानसिक दबाव बढ़ाने का कारण बनती हैं।
इन बातों का रखें विशेष खयाल
– ध्यान और प्राणायाम- रोजाना कम से कम 20 मिनट ध्यान और श्वास संबंधी एक्सरसाइज करें, इससे मानसिक तनाव कम रहेगा और बीपी कंट्रोल रहेगा।
-फाइबर बेस्ड फूड्स का सेवन- फाइबर युक्त आहार जैसे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और कम फैट वाले प्रोडक्ट को शामिल करें। नमक का सीमित से करें।
-डिजिटल डिटॉक्स- दिन में कुछ समय मोबाइल और स्क्रीन से दूर रहें।यह स्ट्रेस को काफी हद तक कम करता है।
-पॉजिटिव सोच और आत्म-प्रेरणा- छोटी-छोटी सफलताओं को सेलिब्रेट करें, खुद को वक्त दें और जीवन के प्रति पॉजिटिव सोच बनाए रखें। इसके साथ ही पर्याप्त नींद लें।