श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा-बरसाना (Mathura-Barsana) की होली (Holi) विश्व प्रसिद्ध है, जिसमें शामिल होने के लिए विदेशों से लोग आते हैं। हालांकि यहां होली (Holi) का जश्न अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। जैसे कृष्ण की नगरी में लट्ठमार होली (Lathmar Holi) बहुत मशहूर है।
मथुरा: श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा-बरसाना (Mathura-Barsana) की होली (Holi) विश्व प्रसिद्ध है, जिसमें शामिल होने के लिए विदेशों से लोग आते हैं। हालांकि यहां होली (Holi) का जश्न अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। जैसे कृष्ण की नगरी में लट्ठमार होली (Lathmar Holi) बहुत मशहूर है। श्रद्धालुओं को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए पुलिस विभाग ने क्यूआर कोड (QR Code) बनाया है। इसे स्कैन करते ही बरसाना का नक्शा (Map of Barsana) खुल जाएगा।
बताते चलें कि लट्ठमार होली (Lathmar Holi) बरसाना और नंदगांव में खेली जाती है। हर साल देश विदेश से लोग बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं और लट्ठमार होली (Lathmar Holi) का आनंद लेते हैं। लट्ठमार होली (Lathmar Holi) में आने वाले श्रद्धालुओं को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए पुलिस विभाग ने क्यूआर कोड (QR Code) बनाया है। इसे स्कैन करते ही बरसाना का नक्शा खुल जाएगा। नक्शे के आधार पर श्रद्धालु अपने पार्किंग स्थल व धर्मशाला, गेस्ट हाउस तक सुगमता से पहुंच जाएंगे। इस बार बरसाना में लट्ठमार होली (Lathmar Holi) का आयोजन 8 मार्च व लड्डू होली का आयोजन सात मार्च को होगा।
थाना प्रभारी अरविंद निर्वाल ने बताया कि बरसाना की लट्ठमार होली व लड्डू होली में देश विदेश से लाखों श्रद्धालु श्रीजी के धाम आते हैं। भक्तों के वाहनों को विभिन्न पार्किंग स्थलों पर रोक दिया जाता है। ऐसे में कई बार श्रद्धालु राह भटक जाते हैं। भटके श्रद्धालुओं को सही रास्ता दिखलाने के लिए पुलिस विभाग ने बरसाना होली 2025 (Barsana Holi 2025) के नाम से क्यूआर कोड (QR Code) तैयार किया है। जिस विभिन्न मार्गों व प्रमुख जगहों पर लगाया जाएगा। ऐसे में रास्ता भटकने वाले श्रद्धालुओं को अपने मोबाइल पर कोड को स्कैन करना होगा।
इसे स्कैन करते ही बरसाना का नक्शा खुल जाएगा। श्रद्धालु नक्शे के आधार पर अपने गंतव्य तक पहुंच कर अपनों से सुगमता से मिल लेंगे। पुलिस की इस पहल को कस्बा के लोगों ने सराहना की है। पूरे मेला क्षेत्र में पार्किंग से लेकर परिक्रमा मार्ग, श्रीजी मंदिर, सभी बैरियरों,कुंडों आदि स्थानों पर क्यूआर कोड (QR Code) लगाएं जाएंगे। जिससे किसी श्रद्धालु को अपनों से बिछड़ने पर सहज मिलना होगा। संभव साथ ही पूरे मेला क्षेत्र की सभी जानकारी भी मिल जाएगी।