होली का उत्सव होलिका दहन के एक दिन बाद मनाया जाता है। इसे छोटी होली भी कहा जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
आपको बता दें कि 13 मार्च होलिका दहन के दिन भद्रा प्रातः 10:36 से शुरु होकर मध्य रात्रि 11:27 तक रहेगी। ऐसे में होलिका दहन भद्रा के बाद मध्य रात्रि 11:28 से रात्रि 12:15 बजे के बीच की जाएगी। यानी होलिका दहन के लिए कुल 47 मिनट का ही समय है।
लाल रंग दक्षिण-पूर्व दिशा : का प्रतीक माना जाता है। इसे हर रंग की अपेक्षा अधिक बलशाली माना जाता है। कहते हैं कि इस रंग से होली खेलने से सेहत और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
नारंगी रंग : सामाजिकता का प्रतीक माना जाता है। परिवार के सदस्य जिस कमरे में एक साथ बैठते हैं या समय बिताते हैं, उस कमरे में नारंगी रंग करवाना चाहिए। मान्यता है कि नारंगी रंग मानसिक तौर पर मजबूती प्रदान करता है।
गुलाबी रंग : से होली खेलने से प्रेम भाव में बढ़ोत्तरी होती है। होली वाले दिन जीवनसाथी के साथ इस रंग से होली खेलना शुभ माना जाता है क्योंकि यह रंग रिश्तों में मजबूती प्रदान करता है।
पीले : रंग का खास महत्व है। यह उत्साह का प्रतीक है जो हिम्मत प्रदान करता है।