रंगों का त्योहार होली उत्सव पूरे देश में धूमधाम और रंग गुलाल के साथ मनाई जाती है। इस उत्सव में मेल मिलाप ,भाईचारे, शांति और समृद्धि से भारतीय पाक कला का अनूठा उदाहरण देखने को मिलता है।
पंचांग के अनुसार,इस साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 25 मिनट से आरंभ हो रही है। पूर्णिमा तिथि का समापन अगले दिन यानी 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर हो रहा है। चूंकि द्रिक पंचांग में उदया तिथि महत्वपूर्ण कही जाती है, इसलिए उदया तिथि के अनुसार होलिका दहन 13 मार्च के दिन होगा। होलिका दहन के बाद होली खेली जाती है। तो इस लिहाज से रंगों वाली होली 14 मार्च 2025 होगी।
होलिका दहन की रात को हनुमान जी को चोला चढ़ाया जा सकता है। ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
1.होलिका दहन के दिन हनुमान मंदिर में जाएं और हनुमान जी को फूलों की माला चढ़ाएं। इसके बाद चमेली के तेल का दीपक जलाएं और वहीं बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।
2. शाम के समय हनुमान को चोला अर्पित करना शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति के जीवन में आ रहे सभी कष्ट दूर होते हैं।
3.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी को यदि पीले व लाल रंग के पुष्प अर्पित किए जाएं तो वह प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के जीवन में आ रहे आर्थिक संकट दूर करते हैं।
4.हनुमान जी की पूजा के बाद बूंदी का भोग लगाकर उसे प्रसाद के तौर में सबको बांट दें।