भूने चने का फायदा देखकर हम लोग उसे खाना पृफर करते हैं। इसका सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। सुबह या शाम के नाश्ते में लोग चना का अलग अलग तरह से सेवन करते हैं। कोई भिगोया हुआ चना खाना पसंद करता है तो कोई भुना चना। खासकर देश की राजधानी दिल्ली में। हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली में भुने चने में कपड़ा रंगने वाली औद्योगिक डाई 'औरामाइन ओ' की मिलावट पाई गई है। जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। 'औरामाइन ओ' के मिलावट से भुने चने जहर बन चुके हैं जो लीवर, किडनी और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा रहे हैं।
भूने चने का फायदा देखकर हम लोग उसे खाना पृफर करते हैं। इसका सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। सुबह या शाम के नाश्ते में लोग चना का अलग अलग तरह से सेवन करते हैं। कोई भिगोया हुआ चना खाना पसंद करता है तो कोई भुना चना। खासकर देश की राजधानी दिल्ली में। हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली में भुने चने में कपड़ा रंगने वाली औद्योगिक डाई ‘औरामाइन ओ’ की मिलावट पाई गई है। जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। ‘औरामाइन ओ’ के मिलावट से भुने चने जहर बन चुके हैं जो लीवर, किडनी और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा रहे हैं। यह मिलावट राजधानी दिल्ली के लाजपत नगर के प्रमुख बाजारों में बिक रहे भुने चने में भी पाई गई है। ऐसे में डॉक्टर से जानेंगे औरामाइन कितना खरनाक है।
ऐसे में एक डॉक्टर ने बताया कि दिल्ली का कहना है कि भुने हुई चने में ऑरामाइन की मिलावट पाई जा रही है। लेकिन यह केवल चना तक सीमित नहीं है बल्कि किसी भी पीली दाल में ऑरामिन मिलाया जा सकता है। ऑरामाइन एक रंग (डाई) है, जिसका प्रयोग फूड इंडस्ट्री में प्रतिबंधित है, क्योंकि इसमें कई तरह के रासायनिक एसिड होते हैं, जो शरीर में कैंसर को बढ़ावा देते हैं। यह विशेष रूप से लिवर कैंसर, किडनी संबंधी रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस के जोखिम को बढ़ाता है। दूसरी चिंता यह है कि जब आप इसे अनजाने में खा लेते हैं, तो यह ब्लड में घुलकर सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर असर करता है, जिससे लगातार थकान, चक्कर आना, मितली, और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती है।
कैसे करें पहचान
भुना चना स्वाभाविक रूप से छोटी और हल्की मैट होती है। लेकिन यदि दाल को कृत्रिम रूप से रंगा गया हो, तो उस पर एक चमकदार, ग्लॉसी परत दिखती है बिल्कुल वैसे जैसे रंगे हुए कपड़े पर चमक होती है। यदि चना बहुत चमकीली दिखाई दे, तो उसमें रंग की मिलावट की गई हो सकती है। दूसरा तरीका है की थोड़ा भुना चना एक गिलास पानी में डालें। 5–10 मिनट बाद देखें कि क्या पानी पीला हो रहा है। यदि पानी में रंग छूटता है, तो यह संकेत है कि दाल में कृत्रिम रंग मिलाया गया है, जो ऑरामाइन हो सकता है। यदि पानी बिल्कुल साफ रहे, तो चना शुद्ध हो सकता है। रंगे हुए चना में वजन कम होता है। दाल को पानी में डालें, यदि दाल ऊपर तैरकर फिर नीचे बैठ जाए, तो यह सामान्य है। लेकिन यदि वह ऊपर ही तैरती रहे, तो मिलावट की आशंका रहती है। ऐसे में बाजार में भुने चने खरीदते समय ध्यान रखें की चना बहुत चमकीली या ग्लॉसी न हो।