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अगर कोई व्यक्ति या कंपनी BJP को मोटा चंदा देती है तो उसके किसी भी स्तर की टैक्स चोरी को किया जा सकता है नजरअंदाज : जयराम रमेश

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा, कि, अगर कोई व्यक्ति या कंपनी बीजेपी को मोटा चंदा देती है तो उसके किसी भी स्तर की टैक्स चोरी को नजरअंदाज किया जा सकता है। मोदी सरकार ने इस बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की सच्चाई को बदलने के लिए कुछ भी नहीं किया है।

By शिव मौर्या 
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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा, कि, अगर कोई व्यक्ति या कंपनी बीजेपी को मोटा चंदा देती है तो उसके किसी भी स्तर की टैक्स चोरी को नजरअंदाज किया जा सकता है। मोदी सरकार ने इस बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की सच्चाई को बदलने के लिए कुछ भी नहीं किया है।

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जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर एक ​रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा कि, भारत के प्रमुख अर्थशास्त्रियों में से एक और प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक डॉ. राम सिंह के हालिया पेपर में भारत के सबसे संपन्न वर्गों के बीच बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। मुख्य बातें यहां दी गई हैं–किसी परिवार की संपत्ति जितनी अधिक है, उस संपत्ति से संबंधित आय की रिपोर्ट उतनी ही कम की जाती है। सबसे निचले 10% परिवारों की कुल घोषित आय, उनकी कुल संपत्ति के 188% से भी अधिक है।

उन्होंने आगे लिखा, शीर्ष 0.1% परिवारों की कुल रिपोर्ट की गई आय, उनकी पारिवारिक संपत्ति का केवल 2% है। अत्यधिक अमीर परिवारों के लिए आय-संपत्ति अनुपात के इतना कम होने का एक अहम कारण टैक्स से बचने की उनकी प्रवृत्ति है। इस तरह, भारत की आयकर प्रणाली वास्तव में पक्षपाती बन गई है, क्योंकि अमीर लोग टैक्स का भुगतान किए बिना ही बच निकलने में सक्षम हैं

कांग्रेस नेता ने आगे लिखा कि, मोदी सरकार ने इस बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की सच्चाई को बदलने के लिए कुछ भी नहीं किया है। उल्टा, नागरिकों और कंपनियों से चुनावी बॉन्ड के जरिए उगाही और राजनीतिक छापों के जरिए विपक्ष को डराने के हथकंडों ने भारत की टैक्स प्रशासन व्यवस्था की जो भी विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा बची थी, उसे खत्म कर दिया है। सीधा और परोक्ष संदेश यही गया है कि अगर कोई व्यक्ति या कंपनी बीजेपी के चुनाव अभियान कोष में मोटा चंदा दे दे, तो किसी भी स्तर की टैक्स चोरी को नजरअंदाज किया जा सकता है।

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