1. हिन्दी समाचार
  2. जीवन मंत्रा
  3. अगर शरीर में दिखे ये लक्ष्ण तो हो जायें अलर्ट नहीं तो कटवाना पड़ेगा ये अंग

अगर शरीर में दिखे ये लक्ष्ण तो हो जायें अलर्ट नहीं तो कटवाना पड़ेगा ये अंग

Health : जी हां दोस्तों आप भी हो जायें सावधान नहीं तो आप को भी अपने पैर को काटने पड़ सकतें हैंं। आपको बता दें कि अगर आप के शरीर में या पैरों में ये 6 लक्षण दिख रहे हों तो समझलों की अब आपको ये बड़ी समस्या हो सकती है। बताते चले कि अगर आप के पैरों में दर्द या सुन्न होना जैसे लक्षण पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के हैं, यह बीमारी चुपचाप आती है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

Health : जी हां दोस्तों आप भी हो जायें सावधान नहीं तो आप को भी अपने पैर को काटने पड़ सकतें हैंं। आपको बता दें कि अगर आप के शरीर में या पैरों में ये 6 लक्षण दिख रहे हों तो समझलों की अब आपको ये बड़ी समस्या हो सकती है। बताते चले कि अगर आप के पैरों में दर्द या सुन्न होना जैसे लक्षण पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के हैं, यह बीमारी चुपचाप आती है। और अगर ये बढ़ जाये तो हो सकता है कि आपके पैर काटने पड़ जायें।

पढ़ें :- Lucknow News : माउंट फोर्ट इंटर कॉलेज में कक्षा 6 के बच्चे की हार्ट अटैक से मौत!

PAD एक गंभीर बीमारी है। इसके लक्षण जैसे सुन्न पैर, ठंडे पैर, दर्द या झुनझुनी को नजरअंदाज न करें। स्वस्थ जीवनशैली, समय पर इलाज और डॉक्टर की सलाह मानकर आप इस बीमारी से बच सकते हैं और अपने दिल और नसों को स्वस्थ रख सकते हैं।

अगर आपको अक्सर चलने या सीढ़ियां चढ़ने के दौरान पैर या पिंडलियों में दर्द, पैरों या टांगों में सुन्नता या कमजोरी, पैरों या टांगों में ठंडक महसूस होना, पैरों की त्वचा का पीला पड़ना और पैरों के बाल झड़ना जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो यह पैरों की बीमारी पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) के संकेत हो सकते हैं।

डॉक्टर जतिन यादव, मणिपाल हॉस्पिटल, गुरुग्राम के कार्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जन के अनुसार,नसों में एथेरोस्क्लेरोसिस (ब्लॉकेज) के कारण खून का बहाव कम हो जाता है तब यह बीमारी हो सकती है। इससे पैरों तक ऑक्सीजन और जरूरी पोषण नहीं पहुंच पाता, जिससे पैर सुन्न, ठंडे या झुनझुने लग सकते हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति को कभी-कभी दर्द या ऐंठन भी हो सकती है। ऐसे मरीजों के घाव जल्दी नहीं भरते, स्किन का रंग बदल सकता है

डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा खतरा

पढ़ें :- winter shuper food: सर्दियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ये खाएं सुपरफूड, रक्त शर्करा को प्रभावित नहीं करते

ब्लड शुगर ज्यादा होने से नसों को नुकसान होता है और उनमें ब्लॉकेज आ सकता है। भारत में टाइप 2 डायबिटीज वाले लगभग 18% लोगों को PAD होता है। इसके अलावा बीड़ी या सिगरेट पीने वालों को इसका खतरा होता है क्योंकि इससे नसें सिकुड़ जाती हैं और खून का बहाव कम हो जाता है।

बीपी के मरीजों को खतरा

हाई ब्लड प्रेशर से नसों की दीवारें खराब होती हैं और उनमें प्लाक जमने लगता है। इसके अलावा ज्यादा कोलेस्ट्रॉल से भी इसका खतरा होता है क्योंकि ज्यादा कोलेस्ट्रॉल से नसें संकरी हो जाती हैं और खून की सप्लाई कम हो जाती है।

मोटापा से भी समस्या

डॉक्टर ने बताया कि शरीर का वजन ज्यादा होने से दिल पर दबाव पड़ता है और नसों में सूजन आ सकती है। इसके अलावा उ बढ़ने पर नसें कमजोर और सख्त हो जाती हैं। भारत में 23% बुजुर्गों को बिना लक्षण के यह बीमारी होती है।

पढ़ें :- Toxic Cough Syrup Scandal : UPSTF की जांच में बड़ा खुलासा, फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से लिया ड्रग लाइसेंस, अब ड्रग इंस्पेक्टरों पर गिरेगी गाज

टांग काटना भी हो सकता है जरुरी

डॉक्टर ने बताया कि अगर PAD समय रहते कंट्रोल न हो, तो सर्जरी या अंग काटने की नौबत आ सकती है। इसमें एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी भी करनी पड़ सकती है।इसलिए अगर आपके पैर बार-बार सुन्न या ठंडे महसूस होते हैं, तो डॉक्टर से तुरंत जांच कराएं।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...