1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. Important Comment of High Court : कानूनी प्रक्रिया से धर्म परिवर्तन के लिए लोग स्वतंत्र, सार्वजनिक सूचना जरूरी

Important Comment of High Court : कानूनी प्रक्रिया से धर्म परिवर्तन के लिए लोग स्वतंत्र, सार्वजनिक सूचना जरूरी

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा कि देश में कोई भी व्यक्ति धर्म बदलने (Conversion to Religion) के लिए स्वतंत्र है। बशर्ते कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया हो। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए शपथ पत्र और समाचार पत्र में विज्ञापन दिया जाना जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि धर्म परिवर्तन (Conversion to Religion) से कोई सार्वजनिक आपत्ति नहीं है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

 

पढ़ें :- पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी जमानत, पर सजा पर लगी रहेगी रोक

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा कि देश में कोई भी व्यक्ति धर्म बदलने (Conversion to Religion) के लिए स्वतंत्र है। बशर्ते कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया हो। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए शपथ पत्र और समाचार पत्र में विज्ञापन दिया जाना जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि धर्म परिवर्तन (Conversion to Religion) से कोई सार्वजनिक आपत्ति नहीं है। यह भी सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि कोई धोखाधड़ी या अवैध धर्म परिवर्तन नहीं है। साथ ही सभी सरकारी आईडी पर नया धर्म दिखाई देना चाहिए। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार (Justice Prashant Kumar) की पीठ ने की।

याची वारिस अली ने कोर्ट में बताया है कि उसने शिकायतकर्ता की बेटी से शादी की है। जिससे उन्हें एक बेटी है। दोनों साथ रह रहे हैं। शिकायतकर्ता ने दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। दर्ज मुकदमे को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में वाद दायर किया गया है। याची का कहना है कि उसने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन (Conversion to Religion) किया है।

राज्य सरकार के अधिवक्ता इन बातों के सत्यापन के लिए कोर्ट से समय मांगा है कि धर्म परिवर्तन (Conversion to Religion) शादी के लिए किया गया या वैधानिक प्रक्रिया अपनाकर अपनी मर्जी से किया गया है। इस पर कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए छह मई की तारीख तय की है।

प्रदेश में लागू है गैरकानूनी धर्म परिवर्तन अधिनियम

पढ़ें :- UP मदरसा एक्ट रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, सुनाया अहम फैसला

उत्तर प्रदेश में गैरकानूनी धर्म परिवर्तन (Illegal Religious Conversion in Uttar Pradesh) को रोकने के लिए अधिनियम 2021 लागू किया गया। यह अधिनियम गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या कपटपूर्ण तरीके से या विवाह द्वारा एक से दूसरे धर्म में गैरकानूनी रूपांतरण पर रोक लगाता है। अधिनियम की धारा 8 के अनुसार धर्म परिवर्तन (Conversion to Religion) करने से 60 दिन पहले जिला मजिस्ट्रेट या अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को घोषणा पत्र देना होगा। धारा 9 धर्म परिवर्तन के बाद घोषणा से संबंधित है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...