भारत-नेपाल सीमा पर जीएसटी चोरी की जांच तेज, 27 व्यापारियों पर शिकंजा
पर्दाफाश न्यूज़ ब्यूरो महराजगंज :: भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में जीएसटी चोरी और अवैध व्यापार को लेकर राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) और जीएसटी विभाग ने अपनी जांच तेज कर दी है। बीते दिनों विभाग की टीम ने सोनौली क्षेत्र में तीन युवकों से चार घंटे तक गहन पूछताछ कर अहम जानकारियां जुटाई हैं।
बिना पंजीकरण, करोड़ों का कारोबार
सूत्रों के अनुसार, कई ऐसे व्यापारी चिह्नित किए गए हैं जिनका न तो ऑफिस पता स्पष्ट है और न ही पंजीकृत गोदाम का कोई विवरण। इसके बावजूद उनका कारोबार करोड़ों में बताया जा रहा है।
सीमा पर दोबारा छापेमारी
करीब एक सप्ताह पहले भी नौतनवा और सोनौली के कुछ व्यापारियों और एजेंटों के यहां छापेमारी की गई थी। इस दौरान कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए। विभाग की यह सोनौली सीमा पर दूसरी बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
27 संदिग्ध जीएसटी धारक रडार पर
अब तक विभाग ने ऐसे 27 व्यापारियों की सूची तैयार की है, जिन पर जीएसटी चोरी के साथ-साथ अन्य अवैध कारोबार का भी संदेह है। इन सभी के बैंक डिटेल और लेन-देन की गहन जांच की जा रही है।
कच्चे बिल, असली जीएसटी नंबर पर बुकिंग
खुफिया जानकारी के अनुसार, दिल्ली और गुजरात जैसे महानगरों से कच्चे बिलों पर कपड़ा, मोटर पार्ट्स और हार्डवेयर सामान की बुकिंग की जाती है, जिसमें असली जीएसटी नंबर का प्रयोग होता है। ये सामान नेपाल भेजे जाने का दिखावा कर भारत में ही खपाए जा रहे हैं।
नेपाल के कारोबारियों की नाराजगी
नेपाल के बुटवल स्थित कपड़ा कारोबारियों ने बताया कि भारत से तस्करी होकर आने वाले कपड़ों ने स्थानीय व्यापार को चौपट कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि कई अरब रुपये के सामान नेपाल भेजे गए हैं लेकिन नेपाल कस्टम में पास नहीं हुए, जिससे संदेह गहराया है।
कैसे होता है तस्करी का संचालन
तस्करी का नेटवर्क गोरखपुर से नौतनवा, सोनौली, ठूठीबारी और सिसवा तक फैला हुआ है। इन क्षेत्रों के गोदामों में पहले कपड़ों की डंपिंग होती है, फिर सीमावर्ती गांवों में कैरियर (वाहक) के जरिए नेपाल में सामान पहुंचाया जाता है।
फर्जी क्लेम की जांच
कुछ ट्रेडिंग कंपनियों ने फर्जी पासिंग कराकर गाड़ियों से माल भेजा और बाद में जीएसटी रिफंड (क्लेम) भी मांगा। अब विभाग द्वारा उन सभी जीएसटी नंबर धारकों की तलाश की जा रही है, जिनका नेपाल से व्यापारिक लेन-देन दिखाया गया है।