हिन्दू पंचांग के अनुसार हर महीने के आखिरी में पूर्णिमा मनाई जाती है जिसके बाद नए महीने की शुरुआत हो जाती है। वैशाख पूर्णिमा के बाद ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो जाएगी।
ज्येष्ठ मास का महत्व
ज्येष्ठ मास में सूर्य देव और वरुण देव की पूजा करने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस माह में हनुमान जी और भगवान राम की पूजा-अर्चना करने से विशेष लाभ होता है और जीवन में सुख-शांति आती है। साथ ही, इस दिन दान-पुण्य करने से भी बहुत पुण्य मिलता है। कई स्थानों पर इस दिन हनुमान मंदिरों में भंडारे और जल सेवा भी आयोजित की जाती है। इस महीने में जल का दान करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा पर्व मनाया जाता है।
2025 में जेठ कब से शुरू हो रहा है?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार जेठ महीना यानी ज्येष्ठ मास 13 मई, मंगलवार से शुरू है। ज्येष्ठ महीने का समापन 11 जून बुधवार को होगा। सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह का खास महत्व है। इस पूरे महीने कई व्रत और पर्व होते हैं। पूजा-अर्चना के अलावा कुछ चीजों का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। जीवन में सुख-समृद्धि और धन वृद्धि के योग बनते हैं।
ज्येष्ठ माह में करें इन चीजों का दान
जल से भरे घड़े (जलदान) का दान करें ,ज्येष्ठ मास में सूर्य की प्रखरता और गर्मी अत्यधिक होती है।
छाता, चप्पल और वस्त्र का दान करें।
शरबत, चावल और सत्तू का दान।
पंखा या शीतलता प्रदान करने वाली वस्तुएं दान करें।
गौ सेवा और अन्न दान करें।