सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। साल में 12 पूर्णिमा होती हैं।आध्यात्मिक शुद्धता के लिए ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा विशेष तिथि है।
Jyeshtha Purnima 2025 : सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। साल में 12 पूर्णिमा होती हैं।आध्यात्मिक शुद्धता के लिए ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा विशेष तिथि है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना और जरूरतमंदों को दान करना शुभ फलदायी माना जाता है। पूर्णिमा तिथि के दिन सत्यनारायण भगवान, चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यह तिथि भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए भी उत्तम मानी जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ज्योतिष के कुछ आसान उपाय करने से व्यक्ति को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 10 जून को सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन 11 जून को दोपहर 1 बजकर 13 मिनट पर होगा। ऐसे में ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि का व्रत 11 जून को करना उचित माना जा रहा है।
पूर्णिमा के दिन माता पिता को सम्मान पूर्वक गंगा स्नान कराने साल में पड़ने वाली सभी पूर्णिमाओं के बराबर फल मिलता है।
कुंडली में चंद्र दोष या चंद्रमा कमजोर है तो उपाय के रूप में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन गंगाजल में थोड़ा-सा दूध मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। मान्यता है कि इस उपाय को करने से चंद्र दोष दूर हो जाता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली बनी रहती है।