जगत को प्रकाशित करने वाले भगवान सूर्य नारायण को प्रत्यक्ष देवता के रूप में पूजा जाता है। सूर्य देव को आत्मा का कारक माना जाता है।
Kark Sankranti 2024 : जगत को प्रकाशित करने वाले भगवान सूर्य नारायण को प्रत्यक्ष देवता के रूप में पूजा जाता है। सूर्य देव को आत्मा का कारक माना जाता है। सूर्य देव को ग्रहों के राजा के रूप में जाना जाता है ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव के राशि परिवर्तन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है। बता दें कि जल्द ही सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे।
कर्क संक्रांति 2024 तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कर्क संक्रांति 16 जुलाई 2024, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। संक्रांति का क्षण सुबह 11:29 से है। वहीं पूजा के लिए पुण्य काल सुबह 05:31 से सुबह 11:29 के बीच रहेगा और महा पुण्य काल सुबह 09:10 से सुबह 11:29 के बीच रहेगा। । इस दिन साध्य योग, शुभ योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है। सूर्य देव की पूजा और दान-पुण्य करने से विशेष लाभ प्राप्त होगा।
कर्क संक्रांति 2024 फल
कर्क संक्रांति 2024 पशु-पक्षी और जीव-जंतुओं के लिए अच्छा रहने वाला है। इस दौरान धन और समृद्धि आएगी। साथ ही वस्तुओं की लागत भी सामान्य रहेगी। इसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक रूप से पड़ेगा। कुछ राशियों को इस दौरान धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी।
संक्रांति का महत्व
इस दिन सूर्य देव की पूजा-अर्चना से धन-ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि मिलती है। स्नान-दान का भी इस दिन विशेष महत्व है। इसके साथ ही इस दिन स्नान-दान करने से कुंडली के दोषों का निवारण होता है और पाप व कष्ट भी मिट जाते हैं।