वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2026 की शुरुआत होते ही केतु ग्रह का नक्षत्र परिवर्तन होने वाला है। यह गोचर 25 जनवरी 2026, रविवार को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम पद में होगा।
Ketu Nakshatra Parivartan 2026 : वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2026 की शुरुआत होते ही केतु ग्रह का नक्षत्र परिवर्तन होने वाला है। यह गोचर 25 जनवरी 2026, रविवार को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम पद में होगा। पंचांग के मुताबिक, इस पद में केतु 29 मार्च 2026, रविवार तक विराजमान रहेगा। इसके बाद यह मघा नक्षत्र के चतुर्थ पद में चला जाएगा। केतु एक छाया ग्रह (shadow planet) है। केतु आध्यात्मिकता, मोक्ष, पूर्व जन्म के कर्मों, और गूढ़ ज्ञान का कारक है। जातक को भौतिक सुखों से विरक्त कर अंतर्ज्ञान और आध्यात्मिक मार्ग पर ले जाता है, और इसे भगवान गणेश से जोड़ा जाता है।
वृषभ राशि
केतु का नक्षत्र परिवर्तन वृषभ राशि वालों के लिए चिंतन के तरीके में बदलाव ला सकता है। पुराने तनाव धीरे-धीरे कम होंगे। मन हल्का होगा और सकरात्मक फैसले लेने की क्षमता बढ़ेगी। नौकरी या कामकाज में बाधा दूर होगी। परिवार के साथ रिश्ते भी पहले से बेहतर होंगे। आत्मविश्वास में बढ़ोतरी महसूस होगी।
सिंह
सिंह राशि के जातकों को इस बदलाव से आर्थिक और मानसिक राहत मिल सकती है। जो लोग लंबे समय से किसी योजना पर काम कर रहे थे, उन्हें अच्छे नतीजे मिलने की संभावना है। फिजूल खर्ची पर नियंत्रण बनेगा। अचानक धन लाभ के योग भी बन सकते हैं। स्वास्थ्य को लेकर भी पहले से बेहतर महसूस करेंगे।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि वालों के लिए केतु का नक्षत्र परिवर्तन भाग्य में परिवर्तन ला सकता है। करियर से जुड़े फैसले सही दिशा दिलाएंगे। नए अवसर मिल सकते हैं। पढ़ाई या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों को भी फायदा होगा। इस समय गुरुजनों और प्रतिष्ठित लोगों का सहयोग खास रूप से मिलेगा।