देवी पार्वती से जुड़ा कोकिला व्रत धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। यह आषाढ़ के पवित्र महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
Kokila Vrat 2025 : देवी पार्वती से जुड़ा कोकिला व्रत धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। यह आषाढ़ के पवित्र महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख के लिए यह व्रत रखती है। इस व्रत में देवी पार्वती की पूजा कोयल के रूप में की जाती है। कोकिला व्रत के दौरान, महिलाएं सुबह जल्दी उठती हैं और पास की नदी या जलाशय में स्नान करती हैं। स्नान के बाद महिलाएं मिट्टी से कोयल की मूर्ति बनाती हैं और उसकी पूजा करती हैं। आइए जानते हैं इस साल कोकिला व्रत 2025 में कब किया जाएगा, इसका महत्व क्या है।
कोकिला व्रत गुरुवार, 10 जुलाई 2025
कोकिला व्रत प्रदोष पूजा मुहूर्त -07:22 अपराह्न से09:24 अपराह्न
अवधि -02 घंटे 02 मिनट
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ -01:36 पूर्वाह्न पर जुलाई 10, 2025
पूर्णिमा तिथि समाप्त -02:06 पूर्वाह्न पर जुलाई 11, 2025
पूजा विधि
भगवान शिव को बेलपत्र आक धतूरा नीले पुष्प दूध दही पंचामृत गन्ने के रस गंगा यमुना सरस्वती के जल से अभिषेक करने का विधान है।
आरती करने के बाद कोयल को ब्राह्मण या सास-ससुर को उस कोयल को दान किया जाता है।
व्रती को संयमित मर्यादित और अनुशासित होकर इस व्रत का पालन करना चाहिए।