HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Mahakumbh Mela 2025 : प्रयागराज में संगम तट लगेगा अध्यात्म का महाकुंभ मेला , ये है शाही स्नान की मुख्य तिथियां

Mahakumbh Mela 2025 : प्रयागराज में संगम तट लगेगा अध्यात्म का महाकुंभ मेला , ये है शाही स्नान की मुख्य तिथियां

कुंभ मेला सांस्कृतिक ज्ञान , विरासत और अपनेपन का सजीव आयोजन है। जीवन के उत्कर्ष से लेकर परंपराओं को पीढ़ियों तक पहुंचाने की कड़ी का सबसे अनुपम वाहक कुंभ मेला है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Mahakumbh Mela 2025 : कुंभ मेला सांस्कृतिक ज्ञान , विरासत और अपनेपन का सजीव आयोजन है। जीवन के उत्कर्ष से लेकर परंपराओं को पीढ़ियों तक पहुंचाने की कड़ी का सबसे अनुपम वाहक कुंभ मेला है। 12 सालों बाद एक बार फिर प्रयागराज में संगम तट पर महाकुंभ मेला लगने जा रहा है। बता दें कि महाकुंभ मेले के दौरान तीन पवित्र नदियों के संगम तट पर स्नान के लिए देश और विदेश से कई करोड़ों लोग आते हैं।

पढ़ें :- कुंभ का महाविज्ञान : पंच महाभूतों का त्रिगुण संपन्न आधार

महाकुंभ 2025 पौष पूर्णिमा से शुरू होकर महाकुंभ 26 फरवरी महाशिवरात्रि के अवसर पर समाप्त होगा। मेला 13 जनवरी पौष पूर्णिमा से शुरू हो रहा है और 26 फरवरी यानी महाशिवरात्रि तक चलेगा

शाही स्नान की 6 तिथियां
इससे पहले महाकुंभ मेला 2013 में ही प्रयागराज में लगा था। महाकुंभ मेले के लिए बड़े स्तर पर महीनों पहले से ही तैयारियां शुरु हो जाती हैं। त्रिवेणी तट पर लगने वाले महाकुंभ 2025 की सुरक्षा में जल,थल और नभ से पहरेदारी होगी। संगम के घाट, मेला स्थल के निवास और गृहस्थों के प्रवास के लिए समुचित प्रबंध किए गए है। महाकुंभ मेला में शाही स्नान की 6 तिथियों पर परंपरानुसार आयोजन की तैयारी हो चुकी है।

शाही स्नान की तिथियां  
13 जनवरी 2024- पौष पूर्णिमा
14 जनवरी 2025 – मकर संक्रांति
29 जनवरी 2025 – मौनी अमावस्या
3 फरवरी 2025 – वसंत पंचमी
12 फरवरी – माघ पूर्णिमा
26 फरवरी – महाशिवरात्रि पर्व

अमृत बूंदें
शास्त्रों में कहा गया है कि जब समुद्र मंथन हो रहा था तब अमृत कलश से कुछ बूंदें धरती पर गिरीं। अमृत से भरे कुंभ यानी कलश की ये बूंदें प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार जैसे पवित्र स्थानों पर गिरीं और तबसे इन चार स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन होता आया है।

पढ़ें :- Mahakumbh 2025 :  तीर्थराज प्रयाग महाकुंभ में स्नान करने से मोक्ष की होती है प्राप्ति, यहां जानें शाही स्नान की सही डेट

ज्योतिषीय आधार
हर बारह साल में जब बृहस्पति देव यानी गुरु ग्रह वृषभ राशि में स्थापित हो और सूर्य ग्रह मकर राशि में हों तब कुंभ मेला आरंभ होता है। अगले साल 13 जनवरी को सूर्य मकर राशि में गोचर करने वाले हैं। जबकि बृहस्पति पहले से ही वृषभ राशि में मौजूद हैं। ऐसे में महाकुंभ मेले के योग बन रहे हैं और इसलिए 14 जनवरी से महाकुंभ मेला आरंभ हो रहा है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...