सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष के लिए एकादशी के व्रत का पालन किया जाता है।
मोक्षदा एकादशी 2024 की तिथि और समय
एकादशी तिथि प्रारंभ: 11 दिसंबर को सुबह 3:42 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 12 दिसंबर को रात 1:09 बजे
व्रत पारण का समय: 12 दिसंबर को सुबह 7:05 बजे से 9:09 बजे तक
मोक्षदा एकादशी पर दान
भगवद गीता का दान: इस दिन भगवद गीता का दान करने से भगवान कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
मौन व्रत: दिनभर मौन रहना और ध्यान करना मन की शांति और आत्मिक उन्नति के लिए लाभकारी है.
पवित्र यज्ञ का महत्व: माना जाता है कि इस दिन भगवद गीता सुनने से अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है.
सफ़ेद या गुलाबी रंग की मिठाई
मां लक्ष्मी को सफ़ेद या गुलाबी रंग की मिठाई बहुत पसंद है। इसके अलावा, मां लक्ष्मी को दूध और मिठाई का भोग भी बहुत पसंद होता है। दूध में केसर मिलाकर भी भोग लगाया जा सकता है।
पंचामृत
मां लक्ष्मी को पंचामृत का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं। पंचामृत शहद, दही, दूध, घी, और चीनी से मिलकर तैयार किया जाता है।
अन्न दान
मोक्षदा एकादशी के दिन अन्न दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और दान देने वाले को मोक्ष प्राप्त होता है। अन्न दान करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और संतुष्टि प्राप्त होती है। मोक्षदा एकादशी को बहुत ही पवित्र दिन माना जाता है और इस दिन किया गया कोई भी पुण्य कार्य कई गुना फल देता है।
कंबल दान
मोक्षदा एकादशी के दिन कंबल का करें दान मोक्षदा एकादशी तिथि पर शरद ऋतु का आरंभ हो जाता है। इसलिए इस दौरान जरूरतमंदों को कंबल का दान अवश्य करें।