सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल में हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) को लेकर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) की अगुवाई में तीन जजों की पीठन ने गहरी नाराजगी जताई है और इसे लोकतंत्र की हत्या (Murder of Democracy) करने जैसा बताया।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल में हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) को लेकर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) की अगुवाई में तीन जजों की पीठन ने गहरी नाराजगी जताई है और इसे लोकतंत्र की हत्या (Murder of Democracy) करने जैसा बताया। कोर्ट ने कहा कि मेयर चुनाव (Mayor Election) सही तरीके से कराया जाना सबसे अहम है।
आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Advocate Abhishek Manu Singhvi) ने कोर्ट में कहा कि नियुक्त रिटर्निंग ऑफिसर बीजेपी (BJP) के हैं। वह पार्टी में एक्टिव भी है और उन्हें यह पद दिया गया है। इस पर कोर्ट ने अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) से वीडियो फुटेज का पैन ड्राइव मांगा। वीडियो देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि आरोपी शख्स पर केस चलाया जाना चाहिए।
CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या (Murder of Democracy) करने जैसा है। इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। यह लोकतंत्र के साथ मजाक है। यह रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूरे मामले पर नोटिस जारी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट चुनाव सही तरीके से कराने में असफल रहा है।
सीजेआई (CJI) ने सुनवाई के दौरान कहा कि चुनाव को लेकर यह निर्देश दिया गया था कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए। AAP की ओर से पेश वकील सिंघवी ने कहा कि हमें इस गड़बड़ी की आशंका थी। हमें इस संबंध में एक आदेश मिला। पहले ही दिन एक आदेश वीडियोग्राफी का था। दूसरा चुनाव स्थगित करने का था और हमने स्थगन को चुनौती दी, हम निवेदन कर रहे हैं कोर्ट की ओर से नोटिस जारी की जाए और उन मतपत्रों को सुरक्षित रखा जाए। सुनवाई के दौरान वीडियो चलाकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दिखाया गया।
रिटर्निंग ऑफिसर सारे रिकॉर्ड HC को सौंपे : मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़
वीडियो देखकर नाराज मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने कहा कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने मतपत्रों को गड़बड़ कर दिया। उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए, वह कैमरे की ओर क्यों देख रहे हैं? वकील साहब यह लोकतंत्र का मजाक है और लोकतंत्र की हत्या (Murder of Democracy) है, हम आश्चर्यचकित हैं। क्या एक रिटर्निंग ऑफिसर का यही व्यवहार होता है? जहां भी नीचे क्रॉस है वह उसे छूता नहीं है और जब वह ऊपर होता है तो वह उसे बदल देता है, कृपया रिटर्निंग अधिकारी को बताएं कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) उस पर नजर रख रहा है।
देश की सबसे बड़ी अदालत ने यह भी कहा कि एक उचित अंतरिम आदेश की आवश्यकता थी जिसे जारी करने में हाई कोर्ट विफल रहा है। हम निर्देश देते हैं कि चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों (Chandigarh Municipal Corporation Elections) का पूरा रिकॉर्ड हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास जब्त कर लिया जाए और मतपत्र, वीडियोग्राफी को भी संरक्षित रखा जाए। रिटर्निंग ऑफिसर को नोटिस जारी करते हैं कि वह सारे रिकॉर्ड सौंप दे।
अब अगले हफ्ते होगी सुनवाई
सीजेआई (CJI) ने अपने आदेश में आगे कहा कि एसजी तुषार मेहता (SG Tushar Mehta) का कहना है कि पूरा रिकॉर्ड चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर को सौंप दिया गया है। डिप्टी कमिश्नर इसे रजिस्ट्रार जनरल HC को सौंपेंगे। चंडीगढ़ नगर निगम (Chandigarh Municipal Corporation) की आगामी बैठक अगली तारीख तक के लिए टाल दी जाएगी।
इस बीच चुनाव से जुड़े सभी कागजात आज शाम 5 बजे तक HC रजिस्ट्रार जनरल (HC Registrar General) को सौंप दिए जाएंगे। अगले हफ्ते सोमवार को मामले पर सुनवाई की जाएगी। कोर्ट के आदेश के बाद चंडीगढ़ निगम (Chandigarh Corporation) का बजट मंगलवार को पेश नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अगले आदेश तक बजट पेश नहीं करने को कहा है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP)ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) में जीत हासिल की थी और सभी 3 पदों पर कब्जा बरकरार रखा था। इस चुनाव में हार को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) गठबंधन के लिए झटके के तौर पर देखा गया। पीड़ित पक्ष ने पीठासीन अधिकारी पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया। इससे पहले पिछले हफ्ते बुधवार को, हाई कोर्ट के जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस हर्ष बांगड़ की बेंच ने AAP को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। AAP ने यह आरोप लगाया था कि मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई। साथ ही AAP ने एक रिटायर जज की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की गई थी।