यदि वे बता रहे हैं कि यहां नेपाली और बांग्लादेशी हैं तो यह बड़ी चिंता की बात है...क्या चुनाव आयोग यह स्वीकार कर रहा है कि जिस निर्वाचक नामावली से लोकसभा का चुनाव हुआ, उसमें बड़ी संख्या में बांग्लादेशी या गैर कानूनी लोग शामिल थे?
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। चुनाव से पहले वहां मतदाता सत्यापन अभियान (एसआईआर) का काम जारी है। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान चुनाव आयोग ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार में एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के दौरान किए गए घर-घर सर्वेक्षण में बूथ लेवल अधिकारियों को बड़ी संख्या में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोग मिले हैं। वहीं, अब इसको लेकर विपक्षी दल के नेताओं ने बड़ा हमला बोलना शुरू कर दिया है।
सहरसा में मीडिया से बातचीत करते हुए जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग और सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, चुनाव आयोग ने पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू की है। यदि वे बता रहे हैं कि यहां नेपाली और बांग्लादेशी हैं तो यह बड़ी चिंता की बात है…क्या चुनाव आयोग यह स्वीकार कर रहा है कि जिस निर्वाचक नामावली से लोकसभा का चुनाव हुआ, उसमें बड़ी संख्या में बांग्लादेशी या गैर कानूनी लोग शामिल थे?
उन्होंने आगे कहा, दूसरी सबसे अहम बात ये है कि, ये लोग बिहार में आकर कैसे रह रहे हैं? यहां तो भाजपा और नीतीश गठबंधन की सरकार है। उन्होंने सवाल किया कि, आखिर ये लोग कैसे रह रहे हैं? पुलिस प्रशासन क्या कर रहा है? नीतीश सरकार को जवाब देना चाहिए कि उनकी सरकार के रहते ऐसे लोगों को बिहार में आकर रहने, यहां की सुविधाओं का लाभ लेने, वोट देने का अधिकार कैसे मिल गया?