बोइंग स्टारलाइनर (Boeing Starliner) की पृथ्वी पर वापसी को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच नासा (NASA) ने एक अच्छी खबर साझा की है। एजेंसी ने पिछले एक कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया है कि अंतरिक्षयान काफी अच्छी स्थिति में है और अपनी 45-दिन की सीमा से ज्यादा भी अपनी कक्षा में रह सकता है।
नई दिल्ली। बोइंग स्टारलाइनर (Boeing Starliner) की पृथ्वी पर वापसी को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच नासा (NASA) ने एक अच्छी खबर साझा की है। एजेंसी ने पिछले एक कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया है कि अंतरिक्षयान काफी अच्छी स्थिति में है और अपनी 45-दिन की सीमा से ज्यादा भी अपनी कक्षा में रह सकता है। 5 जून को लॉन्च किया गया अंतरिक्षयान शुरू में एक सप्ताह के मिशन के लिए भेजा गया था। लेकिन, स्टारलाइनर (Starliner) के सर्विस मॉड्यूल से हीलियम लीक (Helium leak) की बात सामने आने के बाद इसे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में डॉक करना पड़ा।
अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर (Astronaut Butch Wilmore) और सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) केप कैनावेरल से अंतरिक्षयान के लॉन्च होने के बाद ISS में डॉक करने में कामयाब रहे थे। हालांकि, डॉकिंग से पहले, रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS) के 28 थ्रस्टर्स में से पांच खराब हो गए। इससे मिशन को अनिश्चितकालीन के लिए आगे बढ़ा दिया गया। अंतरिक्ष यान (Spacecraft) की पृथ्वी पर वापसी में लगातार देरी ने इसके क्रू की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए। हालांकि, नासा (NASA) ने शुक्रवार को सम्मेलन के दौरान कुछ राहत दी है। नासा (NASA) के वाणिज्यिक क्रू प्रोग्राम के प्रबंधक स्टीव स्टिच ने संवाददाताओं से कहा कि हमने 45 दिन की सीमा के बारे में बात की, जो स्टारलाइनर (Starliner) पर चालक दल मॉड्यूल बैटरी द्वारा सीमित है, और हम उस सीमा को अपडेट करने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने कहा कि हम उन बैटरियों और कक्षा में उनके प्रदर्शन को देख रहे हैं।
स्टिच ने आगे कहा कि वे स्टेशन में रिचार्ज हो रहे हैं, लेकिन अब भी जोखिम बना हुआ है। इसलिए अगले 45 दिनों के लिए जोखिम पहले 45 दिनों के जैसा ही है। उन्होंने आगे कहा कि हम असली में अब शिप में बैटरी के प्रदर्शन को देख रहे हैं। हम बैटरी वाले किसी भी सेल के प्रदर्शन में कोई गिरावट नहीं देख रहे हैं। इससे पहले सालों की देरी के बाद यह मिशन शुरू हो पाया था। नासा (NASA) के अनुभवी परीक्षण पायलट सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बुच विल्मोर अंतरिक्ष में घूमती हुई प्रयोगशाला के लिए पांच जून को बोइंग के स्टरलाइनर के जरिए भेजे गए थे।